पोस्टमास्टर का बेटा बन गया डिप्टी कलेक्टर, हौसलों के सामने हार गई लाचारी
कहते हैं जिंदगी में कभी हौसले नहीं खोना चाहिए। अगर हौसले हैं तो कोई भी उड़ान भर कर मंजिल पाई जा सकती है। आज हम आपको ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं 2015 UPPCS के एग्जाम में सेकेण्ड टॉपर रहे मंगलेश दूबे की
Asianet News Hindi | Published : Feb 4, 2020 11:37 AM IST / Updated: Feb 04 2020, 05:11 PM IST
कहते हैं जिंदगी में कभी हौसले नहीं खोना चाहिए। अगर हौसले हैं तो कोई भी उड़ान भर कर मंजिल पाई जा सकती है। आज हम आपको ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं 2015 UPPCS के एग्जाम में सेकेण्ड टॉपर रहे मंगलेश दूबे की। मंगलेश यूपी के प्रतापगढ़ के एक छोटे से गांव नारायणपुर कला के रहने वाले हैं। उनके पिता नरेंद्र कुमार दूबे पोस्टमास्टर थे जो अब रिटायर्ड हो चुके हैं। मंगलेश की कहानी काफी प्रेरणादायक है।
मंगलेश की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल में हुई। जिसके बाद उन्होंने जौनपुर के बादशाहपुर से हाईस्कूल व प्रतापगढ़ के केपी हिन्दू इंटर कालेज से इंटरमीडिएट किया। जिसके बाद आगे की शिक्षा के लिए उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में एडमीशन ले लिया।
पढ़ाई पूरी करने के बाद मंगलेश सिविल सर्विस की तैयारी करना चाहते थे। लेकिन पिता की सेलेरी के भरोसे ही घर खर्च व मंगलेश की दो बहनो व एक भाई की पढ़ाई का खर्च भी था। लेकिन उनके पिता ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने मंगलेश को सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए भेज दिया। मंगलेश ने प्रयागराज में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। किताबों व कोचिंग आदि की फीस के लिए मंगलेश को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था। उनके पिता अपने सामर्थ्य से अधिक व्यवस्था कर उनकी पढ़ाई के लिए पैसे भेजते थे। लेकिन कभी-कभी वह पैसे पर्याप्त नहीं होते थे। मंगलेश अपने रूम मेट से किताबें आदि मांगकर पढ़ लेते थे।
मंगलेश की मेहनत आखिरकार रंग लाई। 2011 में उनका चयन आबकारी विभाग में हो गया। लेकिन उनके मन में IAS बनने का ख़्वाब था। उन्होंने अगले साल फिर प्रयास किया इस बार भी वह सफल रहे। इस बार उनका चयन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के रूप में हो गया। लेकिन साल 2015 में उन्होंने फिर से प्रयास किया। इस बार उन्होंने UPPCS के एग्जाम में दूसरी रैंक पाई। मंगलेश इस बार डायरेक्ट डिप्टी कलेक्टर के लिए चुने गए। वर्तमान में वह जौनपुर में तैनात हैं।