कुछ महीनों बाद, जब मेरे पति और मैं एक साथ रहना शुरू कर रहे थे, तब मैंने उन्हें अपने बारे में बताया। ओवेरियन कैंसर का मतलब था कि मां बनने की संभावनाएं कम थीं-फिर भी उन्होंने कहा, चाहे जो भी हो मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं । मैं जैसी भी थी मेरे पति ने वैसा ही मुझे स्वीकार किया और यही मेरे लिए काफी था। उसके बाद, मैंने अपना जीवन सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित करने का निर्णय लिया। ड्यूटी के बाद मैं स्थानीय स्कूलों में घूमती और बच्चों को पढ़ाती थी। यहां बच्चों को मैंने इव टीजिंग, यौन शोषण, गुड-बैट टच आदि के बारे में बताया। बच्चे मुझे ‘पुलिसवाली दीदी’ कहने लगे।