पापा बेचते थे सुई-धागा, बेटियों ने खुद का स्टार्टअप शुरू किया और कई देशों में फैला दिया बिजनेस

शुरुआत हमेशा शून्य से होती है। यह कहानी यूपी के लखनऊ की रहने वालीं ऐसी ही दो बहनों की है, जो गरीब परिवार में पली-बढ़ीं। पिता सुई-धागे की छोटी की दुकान चलाते थे। लेकिन दोनों बहनों ने पढ़ाई-लिखाई के बाद खुद का स्टार्टअप शुरू किया। वे डिजाइनर सैंडल बेचती हैं। उनके पास आज कई देशों से ऑनलाइन ऑर्डर आते हैं। दोनों बहनें मिलकर अब साल में 3-4 लाख रुपए आसानी से कमा लेती हैं। परिणिता चोपड़ा जैसी सेलिब्रिटीज भी उनकी डिजाइनर सैंडल पहनती हैं। दोनों बहनों ने यह स्टार्टअप 4 साल पहले शुरू किया था। कहानी शुरु होती है 27 साल की नाजिश से। उन्होंने बीकॉम किया है। वे चार्टर्ड अकाउंटेंट या बैंक ऑफिसर बनना चाहती थीं। लेकिन जब पारिवारिक परिस्थितियों से ऐसा नहीं हो सका, तो उन्होंने अपने भाई की सलाह पर ऑनलाइन बिजनेस पर फोकस किया।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 12, 2021 4:23 AM IST

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पापा बेचते थे सुई-धागा, बेटियों ने खुद का स्टार्टअप शुरू किया और कई देशों में फैला दिया बिजनेस

नाजिश बताती हैं कि उनके पापा ने कभी उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होने दी। अब वे अपनी बहन इंशा के साथ मिलकर यह स्टार्टअप चलाती हैं। नाजिश ब बताती हैं कि 2016 में उनके भाई ने ऑनलाइन बिजनेस की सलाह दी थी। नाजिश और इंशा पहले घर पर शौक-शौक में सैंडल डिजाइन करती थीं। ये सैंडल पड़ोसी खरीद लेते थे।
(नाजिश और इंशा)

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नाजिश बताती हैं कि उन्होंने अपने  इस हुनर को बिजनेस में बदलने की सोची। सबसे पहले कोल्हापुरी सैंडल पर अपनी डिजाइन की। कोल्हापुरी सैंडल की मार्केट में अच्छी डिमांड होती है। इंशा अभी ग्रेजुएशन कर रही है। उसने भी नाजिश का हाथ बंटाया। नाजिश के मुताबिक उन्होंने मां से 300 रुपए लिए और मार्केट से एक सैंडल खरीदकर लाईं। सबसे पहले उस पर अपनी क्रियेटिविटी दिखाई। इसे फैब्रिक लुक देकर इसका फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया।


(परिणिता चोपड़ा के साथ नाजिश और इंशा)

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नाजिश कहती हैं कि इंस्टाग्राम पर फोटो पोस्ट करने के करीब 4 महीने बाद उन्हें पहला ऑर्डर मिला। नाजिश ने सोशल मीडिया पर 'Talking Toe' नाम से अपना पेज बनाया है। इस पर डिजाइनर सैंडल की फोटोज पोस्ट करती हैं। अब उन्हें दुबई, अमेरिका, यूके, इटली, सिंगापुर, मॉरीशस आदि देशों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं।
 

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नाजिश और इंशा अब तक 15000 से अधिक डिजाइनर सैंडल बना चुकी हैं। अब तो लोग अपनी पसंद का डिजाइन भी भेजते हैं। नाजिश ने अब 4 लोगों को काम पर रखा हुआ है। इन्हें वे हर महीने 10000 रुपए सैलरी देती हैं। यानी अब दोनों बहनें दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं।

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नाजिश बताती हैं कि कोल्हापुरी सैंडल का कारोबार काफी व्यापक है। अनुमानत: 25 लाख लोग इससे जुड़े हैं। नाजिश कहती हैं कि ऑनलाइन बिजनेस के जमाने में शॉप खोलने की जरूरत नहीं। अब सही तरीके से अपने प्रोडक्ट्स को सोशल मीडिया पर लाइए और फिर देखिए, कैसे लोग उसमें रुचि दिखाते हैं।

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