उन्होंने बताया कि स्कूल में किसी भी टीचर को अप्रैल की सैलरी नहीं मिली है। हमें डर है कि अक्टूबर तक स्थितियां ऐसी ही रहेंगी। हजारों टीचर बिना सैलरी के जैसे-तैसे घर चला रहे हैं। चिरंजीवी ने कहा, ''मेरे दो बेटियां हैं। दोनों केजी में हैं। व्हाइट राशन कार्ड होने के बावजूद हमें राशन नहीं मिल रहा है। राज्य ने 1500 रुपये देने का जो वादा किया था, उसे भी पूरा नहीं किया है। शुरू में स्थनीय नेताओं से ग्रॉसरी मिल जाती थी लेकिन, अब कई लोगों के मदद मांगने से उन्होंने भी हाथ खड़े कर लिए हैं।''
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