सिर पर था IAS अफसर बनने का भूत, 22 लाख रुपये पैकेज वाली गूगल की नौकरी छोड़ी और फिर...

नई दिल्ली. कहते हैं जहां चाह वहां राह, कुछ ऐसा ही कर दिखाया हरियाणा के जींद निवासी हिमांशु जैन ने। वे गूगल में 22 लाख के पैकेज पर नौकरी कर रहे थे, लेकिन उनके मन में आईएएस बनने का जुनून सवार था। तो उन्होंने सबसे पहले नौकरी छोड़ी और फिर लग गए UPSC की तैयारी करने में, कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने 2016 में सिविल सर्विस एग्जाम में 44 वां रैंक हासिल किया। तो आज हम उनकी संघर्ष की कहानियों से रूबरू होते हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 12, 2020 10:13 AM IST / Updated: Mar 12 2020, 06:14 PM IST

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सिर पर था IAS अफसर बनने का भूत, 22 लाख रुपये पैकेज वाली गूगल की नौकरी छोड़ी और फिर...
हिमांशु के पिता पवन जैन दुकानदार हैं। जींद में स्कूलिंग के बाद हिमांशु ने आईआईटी, हैदराबाद से कंप्यूटर में एमटेक किया है।
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एमटेक करने के बाद जैन ने हैदराबाद में ही गूगल में नौकरी जॉइन कर ली, लेकिन IAS अफसर बनने के लिए उन्होंने गूगल की नौकरी छोड़ दी और UPSC परीक्षा की तैयारी में जुट गए।
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IAS बनने में उनकी चाची मीनाक्षी जैन ने काफी मदद की, उन्होंने हिमांशु को परीक्षा के लिए अपने हॉस्पिटल में बिठाकर घंटों पढ़ाया करती थीं। जैन उस समय को याद करते हुए कहते हैं कि चाची ने उनके अंदर आईएएस बनने के जज्बे को मजबूत किया। जिसका नतीजा है कि उन्होंने यह एग्जाम पास कर ली।
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हिमांशु ने बताया कि उसका इंटरव्यू लगभग 35 मिनट चला था। इंटरव्यू पैनल में 6 लोग थे, जिन्होंने 40 से 50 सवाल पूछे थे।
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सबसे रोचक सवाल पर बात करते हुए हिमांशु ने बताया कि उनसे एक सवाल में पूछा गया था कि टेक्नोलॉजी ने आदमी की जिंदगी को आसान बना दिया है या पेचीदा। जिसके जबाव में हिमांशु ने कहा यह व्यक्ति के इस्तेमाल पर निर्भर करता है।
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हमने जब हिमाशु से पुछा कि वे अब जब IAS बन गए हैं तो अपने सिविल सर्विस और लाइफ के बीच संतुलन कैसे बनाते हैं? जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि वे बचपन से ही खेल और पढ़ाई के बीच बैलेंस बनाकर चलते आ रहे थे। जिसका फायदा वे अब सर्विस में भी उठा रहे हैं।
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