कभी आर्मी में जाना चाहता था ये IAS,अब ऐसे काम कर लड़ रहा कोरोना के खिलाफ असली जंग

करियर डेस्क. कोरोना संकट में एक विभाग ऐसा भी है जो पूरी तरह से कोरोना से चल रही जंग में समर्पित हो गया है। वो विभाग है आयुष। आयुष मिशन में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, वार्डब्वाय या अन्य सभी कर्मचारी इस कोरोना से चल रही इस जंग में दिन रात एक किए हुए हैं। विभागीय लोगों की दिन रात मेहनत का फल दिख रहा है। कहीं न कहीं इन सब के पीछे आयुष मिशन के डायरेक्टर IAS राजकमल यादव की बड़ी भूमिका है। आज हम आपको IAS राजकमल यादव के बारे में बताने जा रहे हैं। IAS राजकमल यादव ने एशियानेट हिंदी से बात करते हुए कोरोना से चल रही इस जंग में अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

Asianet News Hindi | Published : May 21, 2020 6:41 AM IST / Updated: May 21 2020, 03:12 PM IST

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कभी आर्मी में जाना चाहता था ये IAS,अब ऐसे काम कर लड़ रहा कोरोना के खिलाफ असली जंग

बातचीत के दौरान आयुष मिशन के निदेशक IAS राजकमल यादव बताया कि हम L 1 हॉस्पिटल की तैयारी कर चुके हैं जिसके लिए तकरीबन 6000 बेड तैयार हैं। इसके अलावा हमारे 13000 लोग इस लड़ाई में डटे हुए हैं जो कहीं न कहीं इस काम में लगे हुए हैं। इसके अलावा अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाने को हम प्राइवेट लोगों को भी अपने मिशन में शामिल कर रहे हैं। तकरीबन 20 हजार लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है जो कि किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार हैं। अभी तक आयुष कवच एप 6 लाख 90 हजार लोग डाउनलोड कर चुके हैं। हमारे आयुष के स्कूल भी अस्पताल बनाए गए हैं। ऐसे में हम किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार हैं।

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आयुष मिशन के निदेशक IAS राजकमल यादव की सफलता की कहानी काफी ख़ास है। राजकमल यादव 2013 बैच के IAS अफसर हैं। इसके पहले यह विशेष सचिव सचिवालय प्रशासन विभाग में तैनात थे। राजकमल यादव अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। उनका कहना है कि पिता जी से ही उन्हें हमेशा प्रेरणा मिली जिसकी बदौलत वह आज IAS हैं।
 

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IAS राजकमल यादव मूलतः यूपी के फिरोजाबाद के रहने वाले हैं। उनका जन्म 28 दिसम्बर 1986 को फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद में हुआ। क्लास 6 तक की एजुकेशन गांव में ही हुई। जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए घर वालों ने उनका एडमीशन लखनऊ के सैनिक स्कूल में करवा दिया । इनके पिता कमल किशोर यादव ग्रामीण बैंक में जॉब करते थे। आर्मी स्कूल में पढ़ने के कारण वह 7वीं क्लास से ही वे घर से दूर हो गए।
 

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राजकमल यादव बताते हैं कि "सैनिक स्कूल में शुरू से ही देशभक्ति पर आधारित तमाम कल्चरल प्रोग्राम होते रहते थे। वहां का माहौल कुछ इस तरह का था कि मन में शुरू से ही आर्मी में जाने का सपना पाल लिया। जब मै UPSC का इंटरव्यू देने गया तो इंटरव्यू के दौरान मुझसे पूछा गया कि आर्मी स्कूल में पढ़े हो तो आर्मी में क्यों नहीं गए। मैंने जवाब दिया था कि आईएएस और आर्मी में से किसी एक को चुनने के लिए कहा जाए तो मैं आर्मी ही सिलेक्ट करूंगा। इस जवाब पर उन्होंने मेरी पीठ थप-थपाई थी।

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राजकमल दो भाइयों में बड़े है। उनकी पत्नी ज्योत्स्ना भी पीसीएस अधिकारी हैं। इस समय वह भी लखनऊ में राजस्व विभाग में तैनात हैं। राजकमल यादव क्रिकेट के बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। उन्हें बॉडी बिल्डिंग का भी शौक है। वह रोज सुबह घंटो जिम में पसीना बहाते हैं।

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IAS राजकमल ने चेन्नई में वेटेरनरी साइंस से ग्रेजुएशन किया है। वो बताते हैं, "मैंने ग्रेजुएशन के दौरान ही आईएएस की तैयारी शुरू कर दी थी। कॉलेज से आने के बाद मैं सिलेबस की पढ़ाई के साथ ही जीएस व सिविल सर्विस से रिलेटेड अन्य सब्जेक्ट्स पढ़ता था। प्रिपरेशन के लिए मैंने कभी किसी एक्सपर्ट या कोचिंग का सहारा नहीं लिया।"

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