नई दिल्ली. फेल होना या एक औसत स्टूडेंट होना छात्रों को अवसाद में धकेल देता है। कई बार बच्चे पढ़ाई में भले अच्छे न हो लेकिन उनका दिमाग इतना तेज होता है कि वो यूपीएससी परीक्षा भी पास कर जाएं। पढ़ाई में औसत छात्रों हमेशा इग्नोर किया जाता है। स्कूल में टीचर भी उनपर खास ध्यान नहीं देते। पर कई स्कूलों में ऐसा भी होता है जब टीचर किसी औसत छात्र को एग्जाम में बैठने से मना कर देते हैं। ऐसा एक छात्र के साथ हुआ लेकिन आज वो सिविल सर्विस एग्जाम पास कर आईएएस अफसर बन चुका है। हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर नितिन शाक्य जब वो 12वीं क्लास में थे तो स्कूल ने एडमिट कार्ड देने से भी इंकार कर दिया था। स्कूल में मिला ये सबक उसकी जिंदगी में आगे काम आया। आइए जानते हैं कैसे एक फेल होने वाला छात्र अफसर बन बैठा।
आईएएस सक्सेज स्टोरी में (IAS Success Story) में आज हम आपको नितिन के संघर्ष और सफलता की कहानी सुनाएंगे।