अपने स्ट्रॉन्ग और कमजोर विषयों को जानें-
अपने हर दिन के टाइम स्लॉट को इस तरह से डिवाइड किया जाना चाहिए कि एस्पिरेंट्स अपने कमजोर विषयों की तैयारी के लिए अधिक समय निकाल सके। हालांकि, अपने स्ट्रॉन्ग सब्जेक्ट्स के रवीज़न के लिए टाइम निकालना ना भूले। प्रीलिम्स परीक्षा के लिए प्रत्येक विषय का ज्ञान होना आवश्यक है।