बैंकॉक घूमने गई और वहां से मिला आइडिया, फिर इस लड़की ने खड़ी कर दी एक अरब डॉलर की कंपनी

करियर डेस्क. 8 मार्च को विश्न महिला दिवस (International Women's Day) मनाया जाएगा। ऐसे में हम आपको एक ऐशी महिला की कहानी बता रहे हैं जिसने अपने इरादों से ये साबित कर दिया है। अगर आपके पास हौंसला है तो दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है जिसे नहीं किया जा सकता है। हम बात कर रहे हैं 30 साल की अंकिति बोस ( ankiti bose) की। अंकिति बोस मात्र चार साल में अपनी कंपनी को करीब एक अरब डॉलर का बना दिया। आइए जानते हैं कौन है अंकिति बोस और उन्होंने कैसे हासिल की ये सफलता।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 4, 2022 4:59 AM IST

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बैंकॉक घूमने गई और वहां से मिला आइडिया, फिर इस लड़की ने खड़ी कर दी एक अरब डॉलर की कंपनी

कौन हैं अंकिति बोस
अंकिती बोस, एक मल्टीनेशनल स्टार्टअप और दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी बी2बी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक ज़िलिंगो की सह-संस्थापक और सीईओ हैं। 29 वर्षीया अंकिती को साल 2018 में फोर्ब्स एशिया की 30 अंडर 30 सूची और फॉर्च्यून के 40 अंडर 40 लिस्ट में शामिल किया गया था। देहरादून में जन्मी अंकिती, मुंबई में पली-बढ़ीं और सेंट जेवियर्स (मुंबई) में गणित और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।

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कंपनी में 50 हजार कर्मचारी
ज़िलिंगो फैशन इंडस्ट्री प्लेटफॉर्म है, जिसका मुख्यालय सिंगापुर में है। लेकिन इसका संचालन इंडोनेशिया, हांगकांग, थाईलैंड, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में फैले हुए हैं। उनकी कंपनी में लगभग 50 हजार कर्माचारी कार्यरत है।

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कैसे आया आइडिया
अंकिति छुट्टियों में बैंकॉक घूमने गर्इ थी। जहां उन्होंने वहां के लोगों में फैशन के बीच फैशन के लिए प्यार देखा। जिसके उन्हें यहां पर फैशन से जुड़े र्इ-कॉमर्स कंपनी खोलने का प्लान बनाया। कंपनी खुलने के बाद यह ब्रांड थाइलैंड, इंडोनेशिया और फिलिपींस में भी मशहूर हो गया।

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कंपनी को मिला यूनिकॉर्न का स्टेटस
अंकिता पहली ऐसी भारतीय महिला सीईओ थीं जिनकी कंपनी को यूनिकॉर्न का स्टेटस मिला है। यूनिकॉर्न एक टर्म है जिसे उन स्टार्टअप्स को दिया जाता है जिनकी वैल्यू एक अरब डॉलर के करीब हो जाती है।

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विदेश में क्यों खोली कंपनी 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआत के लिए उन्होंने भारत को नहीं चुना क्योंकि यहां पहले से फ्लिपकार्ट, ऐमजॉन जैसे ऑनलाइन मार्केट के बड़े प्लेयर्स मौजूद थे। दोनों ने रिसर्च में पाया कि साउथ ईस्ट एशिया की मार्केट में ऐसा नहीं है। इसके बाद 2015 में जीलिंगो अस्तित्व में आया।

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कैसे की शुरुआत
कंपनी ने छोटे व्यापारियों को कस्टमर को बेचने में मदद करके शुरुआत की और फिर नए फील्ड में विस्तार किया है।कंपनी के संस्थापकों ने हजारों छोटे विक्रेताओं के साथ काम किया, उन्होंने महसूस किया कि कई के पास टेक्नोलॉजी, पूंजी अर्थव्यवस्थाओं तक पहुंच नहीं है। बोस की कुछ शुरुआती प्रेरणा बैंकॉक के लोकप्रिय चतुचक बाजार की यात्रा से मिली, जिसमें पूरे थाईलैंड से सामान बेचने वाले 15,000 से अधिक बूथ हैं। उसने महसूस किया कि विक्रेताओं के पास विस्तार करने के पर्याप्त अवसर नहीं हैं।
 

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2015 में थाईलैंड और कंबोडिया में अपनी शुरुआत करने के बाद कंपनी ने 400 कर्मचारियों के साथ आठ देशों में कार्यालय खोले।  

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