सेक्स रैकेट के नर्क से मासमू बच्चियों को खींच लाई थी ये IPS अफसर, नारी शक्ति को लोगों ने किया सलाम
मुंबई. पूरी दुनिया में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन मुसीबतों से लड़ खुद को साबित करने वाली मजबूत महिलाओं को याद किया जाता है। ऐसी महिलाएं जिन्होंने हिम्मत न हारते हुए भी अपने काम में मुकाम हासिल किया और दूसरों के लिए प्रेरणा बन गईं। वो महिलाओं भी जिन्होंने दूसरी महिलाओं की जिंदगी बचाई, अपनी जान पर खेलकर या अपने फर्ज को निभाते हुए उन्होंने नारी शक्ति का परिचय दिया। ऐसी ही एक महिला हैं जो 'लेडी सुपरकॉप' के नाम से फेमस हैं। उनकी बहादुरी के किस्से आज भी दूसरों को सुनाए जाते हैं। ये हैं महाराष्ट्र कैडर की पहली महिला IPS अफसर मीरा बोरवंकर। कैसे आईपीएस मीरा सेक्स रैकेट का खुलासा कर सैकड़ों मासूम बच्चियों को नर्क से खींच लाईं। IPS सक्सेज स्टोरी में हम आपको इस रियल मर्दानी के बारे में बताएंगे......
Asianet News Hindi | Published : Mar 4, 2020 5:37 AM IST / Updated: Mar 04 2020, 01:12 PM IST
महिला दिवस 2020 के मौके पर हम आपको भारत की बहादुर बेटियों की कहानी सुना रहे हैं। ऐसी ही एक बहादुर बेटी हैं 1981 बैच की IPS अधिकारी मीरा। वो मूल रूप से पंजाब के फाजिल्का जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता ओपी चड्ढा बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में थे। उनकी पोस्टिंग फाजिल्का में ही थी। इसी वजह से मीरा ने मैट्रिक तक की शिक्षा फाजिल्का में ही ली। इसके बाद 1971 में उनके पिता का ट्रांसफर हो गया। उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जालंधर से की। देश की पहली महिला IPS अधिकारी किरण बेदी से प्रेरणा लेकर ही मीरा भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़ी थीं।
उन्होंने कड़ी मेहनत से सिविल सर्विस परीक्षा पास की और उस दौर में पुलिस में जाना चुना जब महिलाओं को स्कूल जाने तक नहीं दिया जाता था। साल 1981 में मीरा ने यूपीएसससी पास की और IPS बनना चुना। आईपीएस अधिकारी बनने के बाद उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं।
मीरा उन अफसरों में शामिल हैं जो पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं। उनकी वजह से कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रही है। महाराष्ट्र में मीरा 'लेडी सुपरकॉप' के नाम से मशहूर रहीं। IPS अफसर बनने के बाद मीरा की पोस्टिंग महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों में हुई, जिसमें मुंबई सबसे महत्वपूर्ण रहा। माफियाराज को खत्म करने में मीरा बोरवकंर का अहम योगदान रहा है। मीरा ने नौकरी के शुरूआती दौर में ही अपने तेवरों से साफ कर दिया था कि वह हर हाल में गुंडाराज का खात्मा करके रहेंगी।
उनके सबसे बड़ा रिकॉर्ड ये रहा जब उन्होंने जलगांव सेक्स रैकेट का खुलासा किया था। खुलासे के बाद वो बहुत सुर्खियों में आईं थीं। साल 1994 में इस रैकेट में स्कूल की बच्चियों से लेकर कॉलेज की लड़कियों तक को देह व्यापार के गोरखधंधे में धकेलने की बात सामने आई थी। उनकी अगुवाई में पुलिस ने बहुत सी मासूम बच्चियों इस नर्क से सुरक्षित निकाला था। देशभर में नारी शक्ति के उनके जज्बे को सलाम किया गया था।
लेडी सुपरकॉप मीरा अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम से लेकर कई वांटेड अपराधियों के पकड़ने में अहम रोल निभा चुकी हैं। याकूब मेमन की फांसी के समय मीरा बोरवंकर महाराष्ट्र की एडीजीपी (जेल) थीं। वह उन पांच अधिकारियों में शामिल थीं, जो मेमन की फांसी के समय जेल परिसर में मौजूद थे।
इतना ही नहीं मीरा मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन और डी कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम से लेकर छोटा राजन गैंग के कई सदस्यों को सलाखों के पीछे धकेल चुकी हैं।
'लेडी सुपरकॉप' नाम से भी मशहूर मीरा अब पुलिस सर्विस से रिटायर हो चुकी हैं और इन दिनों मुंबई में रह रही हैं। उनके पति अभय बोरवंकर रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। रिटायर होने के बाद फिलहाल वह अपना बिजनेस संभाल रहे हैं। आईपीएस मीरा लेख भी हैं उन्होंने कई किताबें लिखी हैं।
एक जरूरी बात बता दें कि आपने बॉलीवु़ फिल्म मर्दानी जरूर देखी होगी, साल 2014 में आई रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म 'मर्दानी' IPS मीरा के जीवन से ही प्रेरित थी। फिल्म में अभिनेत्री रानी ने मीरा के जीवन को पर्दे पर उतारा था। हालांकि फिल्म में उनका नाम बदला हुआ है । आईपीएस अफसर के रूप में फिल्म में वो बच्चियों को देह व्यापार के धंधे से बचाती हैं।