World Braille Day 2022: 3 साल की उम्र में खोई अपनी आंख, 16 साल में बना दी नेत्रहीनों के लिए भाषा

Published : Jan 04, 2022, 11:29 AM IST

करियर डेस्क : पूरी दुनिया में हर 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस (World Braille Day) मनाया जाता है। यह दिन ब्रेल का आविष्कार करने वाले फ्रांसीसी शिक्षक लुई ब्रेल (Louis Braille) की जयंती के रूप में मनाया जाता है। ब्रेल का आविष्कार लुई ब्रेल द्वारा वर्ष 1809 में किया गया था। विश्व ब्रेल दिवस का उद्देश्य ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। बता दें कि ब्रेल लिपि का अविष्कार करने वाले लुई ब्रेल ने खुद 3 साल की उम्र में अपनी आंखे खो दी थी। इसके बाद उन्होंने नेत्रहीन लोगों के लिए पढ़ने और लिखने का सबसे लोकप्रिय और व्यापक साधन ब्रेल लिपि बनाई। आइए आज उनकी जयंती पर हम आपको बताते हैं, इस मसीहा की कहानी...

PREV
17
World Braille Day 2022: 3 साल की उम्र में खोई अपनी आंख, 16 साल में बना दी नेत्रहीनों के लिए भाषा

लुई ब्रेल का जन्म 04 जनवरी, 1809 को फ्रांस में हुआ था। हालांकि, 3 साल की उम्र में 1 दुर्घटना में उनकी आंखें संक्रमित हो गईं और ब्रेल पूरी तरह से अपनी दृष्टि खो बैठे थे। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी आई अपने जैसे करोड़ों लोगों के लिए मसीहा बनें।

27

आंखे खोने के बाद भी ब्रेल ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और एक स्कॉलरशिप मिलने के बाद वह रॉयल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड यूथ चले गए और यहीं उन्होंने अंधेपन से पीड़ित लोगों को पढ़ने और लिखने में मदद करने के लिए एक स्पर्श कोड विकसित किया। 

37

ब्रेल बनाने का ख्याल लुई को एक सेना के कैप्टन चार्ल्स बार्बियर से मुलाकात के बाद आया, जिन्होंने सेना के लिए एक विशेष क्रिप्टोग्राफी लिपि का विकास किया था, जिसकी मदद से सैनिक रात के अंधेरे में भी संदेशों को पढ़ सकते हैं। बाद में, ब्रेल ने भी इससे प्रेरित होकर ब्रेल लिपि बनाना शुरू किया। जब उन्होंने इसका अविष्कार किया तब उनकी उम्र करीब 16 साल ही थी।

47

बता दें कि ब्रेल एक ऐसी भाषा है जिसका उपयोग दृष्टिबाधित लोग पढ़ने और लिखने के लिए करते हैं। इसमें पात्रों को उंगलियों से महसूस किए गए उभरे हुए बिंदुओं के पैटर्न द्वारा दर्शाया जाता है। जिससे दृष्टिबाधित लोग आसानी से पढ़ सकते हैं।

57

पहले ब्रेल लिपि 12 बिंदुओं पर आधारित होती थी। 12 बिंदुओं को 66 की पंक्तियों में रखा जाता था। हालांकि, तब इसमें विराम, संख्या और गणित के चिन्ह मौजूद नहीं थे। बाद में लुई ने 12 की जगह 06 बिंदुओं का उपयोग कर 64 अक्षर और चिह्न का आविष्कार किया था।

67

43 वर्ष की उम्र में 06 जनवरी 1832 को लुई ब्रेल का निधन हो गया था। उनकी मृत्यु के 16 साल बाद 1868 में ब्रेल लिपि को प्रामाणिक रूप से मान्यता मिली। इसके बाद उनकी 200वीं जयंती पर भारत सरकार ने 2009 में उका डाक टिकट भी जारी किया था।

77

लुई ब्रेल के इस अविष्कार से करोड़ों दृष्टिहीन लोगों का पढ़ने-लिखने का सपना पूरा हुआ। उनकी याद में विश्व ब्रेल दिवस की तारीख उनकी जयंती के दिन की ही चुनी गई। इसका प्रस्ताव नवंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया गया। इसके बाद पहला विश्व ब्रेल दिवस 4 जनवरी 2019 को मनाया गया था। तब से हर साल इसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है।

ये भी पढ़ें- Covid-19 Vaccine: 15 से 18 साल के बच्चों को लगवाने जा रहे है वैक्सीन, तो इन चीजों का रखें खास ख्याल

Covid 19 Effect: Omicron की दहशत के बीच फिर बच्चों के स्कूल हुए बंद, मुंबई में 31 जनवरी तक नहीं लगेगी क्लास

Recommended Stories