कभी 11 रुपए के लिए जगराते में गाना गाया करती थी सिंगर, ऐसे बीता है गायिका का बचपन

Published : Aug 29, 2020, 09:59 AM IST

मुंबई. सूफी गानों में महारत रखने वाली सिंगर ऋचा शर्मा 29 अगस्त को अपना 46वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। उनका जन्म 29 अगस्त, 1974 को फरीदाबाद में हुआ था। ऋचा को बॉलीवुड की उन प्लेबैक सिंगर्स में गिना जाता है, जो हर तरह के गाने आसानी से गा सकती हैं। अपनी आवाज के बलबूते आज वो बुलंदियों पर है। उनकी बुलंद आवाज लोगों के दिलों को छू जाती है। नेपोटिज्म के इस दौर में उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी अलग जगह बनाई है। लेकिन, यहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। उनके जीवन में भी एक ऐसा वक्त था जब उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। 

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कभी 11 रुपए के लिए जगराते में गाना गाया करती थी सिंगर, ऐसे बीता है गायिका का बचपन

अब कहने को ऋचा शर्मा का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जिसका संगीत से गहरा नाता था। उनके पिता दयाशंकर एक बड़े शास्त्रीय गायक थे। जब ऋचा का जन्म हुआ था, उसी वक्त उन्हें आभास हो गया था कि उनकी बेटी संगीत जगत में खूब नाम कमाएगी।

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जैसा ऋचा के पिता ने सोचा था, वो उससे भी बेहतर निकलीं। उन्होंने सिर्फ 10 साल की उम्र में जगरातों में गायकी शुरू कर दी थी। माता के भजन गाकर वो 11 रुपए कमाया करती थीं। 

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खुद कई इंटरव्यू में ऋचा ने बताया है कि उन 11 रुपयों को उन्होंने अभी भी संभालकर रखे हैं। नेपोटिज्म के दौर में भी ऋचा उन कलाकारों में शुमार हैं, जिन्होंने सिर्फ और सिर्फ अपनी मेहनत के बलबूते एक अलग मुकाम हासिल किया है।

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इसके बाद साल 1995 में ऋचा की जिंदगी में टर्निंट प्वाइंट आया था। उन्होंने मुंबई के एक कार्यक्रम में भजन गाए थे। वहां किसी की उन पर नजर पड़ी और उन्हें फिल्म 'सलमा पे दिल आ गया' में गाने का मौका मिल गया। इसके बाद ऋचा का बॉलीवुड में बतौर प्लेबैक सिंगर करियर सरपट दौड़ने लगा। 

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ऋचा ने शाहरुख खान की कई हिट फिल्मों में बेहतरीन गाना गाया। फिर चाहे वो उनकी फिल्म 'कल हो ना हो' या फिर 'ओम शांति ओम' हो। ऋचा ने 'माइ नेम इज खान' में भी अपनी मधुर आवाज का जलवा बिखेरा था। उन्होंने आइटम सॉन्ग 'बिल्लो रानी' के जरिए भी खूब लोकप्रियता हासिल की है।

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वैसे, अब ऋचा एक बड़ी स्टार जरूर बन गई हैं, लेकिन वो अपने संघर्ष को आज भी याद रखती हैं। वो अभी भी भजन गाती हैं और सूफी गानों में गहरी दिलचस्पी दिखाती हैं।

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