जब दूसरी औरत के लिए 22 साल छोटी पत्नी सायरा बानो को छोड़कर चले गए थे दिलीप कुमार, फिर हुआ था ये

मुंबई. बॉलीवुड इंडस्ट्री में ट्रेजिडी किंग के नाम से फेसम दिलीप कुमार (dilip kumar) 98 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर पाकिस्तान में हुआ था। कई सुपरहिट फिल्मों में काम करने वाले दिलीप कुमार की तबीयत इन दिनों ठीक नहीं चल रही है। इतना ही नहीं अपने दोनों भाईयों को कोरोना की वजह से खोने के कारण उन्होंने तय किया है कि वे इस साल अपना जन्मदिन  नहीं मनाएंगे। वैसे, आपको बता दें कि दिलीप ने खुद के 22 साल छोटी सायरा बानो (saira banu) से 1966 में शादी की थी। उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था जब वे दूसरी औरत के लिए अपनी पत्नी को छोड़कर चले गए थे। ये बात और है कि अपनी गलती का अहसास होने के बाद वे सायरा के पास वापस लौट आए थे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2020 7:20 AM IST / Updated: Dec 14 2020, 10:37 AM IST
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जब दूसरी औरत के लिए 22 साल छोटी पत्नी सायरा बानो को छोड़कर चले गए थे दिलीप कुमार, फिर हुआ था ये

दिलीप कुमार पर्सनल लाइफ को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। मसलन, सायरा बानो से शादी के 14 साल बाद जब उन्होंने पाकिस्तानी लेडी आसमां रहमान से दूसरी बार निकाह किया तो वे चर्चा में आ गए थे। तब यह खबरें थीं कि सायरा मां नहीं बन सकतीं, इसलिए दिलीप साहब को दूसरी शादी करनी पड़ी।

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कहा जाता है कि दोनों का अफेयर लंबे समय से चल रहा था। लोगों के सवाल से बचने के लिए दिलीप साहब ने इस दौरान घर से बाहर निकलना तक बंद कर दिया था। बता दें कि आसमां और दिलीप कुमार की मुलाकात हैदराबाद में एक क्रिकेट मैच के दौरान हुई थी। 1980 में दोनों ने शादी की और 1982 में उनका तलाक हो गया। कहा जाता है कि आसमां दिलीप साहब को धोखा दे रही थीं। इस वजह से उन्होंने आसमां को तलाक दिया और वापस सायरा की ओर लौट आए।

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दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी 11 अक्टूबर, 1966 को हुई थी। सायरा, दिलीप से 22 साल छोटी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सायरा 8 साल की उम्र में दिलीप से शादी का सपना देखने लगी थीं। 1952 में रिलीज हुई 'दाग' में दिलीप कुमार को देखने के बाद वे उन्हें अपना दिल दे बैठी थीं।

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वैसे, सायरा से शादी करने से पहले दिलीप कुमार मधुबाला से बेइंतहा मोहब्बत करते थे। मधुबाला और दिलीप कुमार की लव स्टोरी की शुरुआत साल 1951 में आई फिल्म 'तराना' के सेट से हुई थी। मधुबाला और दिलीप कुमार को पहली नजर में ही एक-दूसरे से प्यार हो गया था। कहा जाता है कि अपने प्यार का इजहार करने के लिए मधुबाला ने दिलीप कुमार को गुलाब का फूल और एक पर्ची भेजी थी।

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दिलीप कुमार पिता क्यों नहीं बन सके, इसका जवाब उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'द सबस्टांस एंड द शैडो' में दिया है। बुक में दिलीप कुमार ने कहा है, "सच्चाई यह है कि 1972 में सायरा पहली बार प्रेग्नेंट हुईं। यह बेटा था (हमें बाद में पता चला)। 8 महीने की प्रेग्नेंसी में सायरा को ब्लड प्रेशर की शिकायत हुई। इस दौरान पूर्ण रूप से विकसित हो चुके भ्रूण को बचाने के लिए सर्जरी करना संभव नहीं था और दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई।" दिलीप कुमार की मानें तो इस घटना के बाद सायरा कभी प्रेग्नेंट नहीं हो सकीं।

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हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक लेटेस्ट इंटरव्यू में सायरा बानो ने कई सवालों का जवाब दिया और अपनी लाइफ के बारे में खुलकर बात की। जब आपने पहली बार दिलीप साहब को देखा था। तब आपने उनके बारे में क्या सोचा था? इस पर सायरा बानो ने बड़ा ही मजेदार जवाब दिया।

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उन्होंने कहा- जब मेरे भाई सुल्तान और मैं इंग्लैंड में पढ़ते थे, मेरी मां नसीम बानो हमें यूरोप में छुट्टी मनाने के लिए ले जाती थीं, हमारी छुट्टियां जुलाई में शुरू होती थी और वो हमें यूरोप घुमाकर फिर हमेशा भारत लाती थीं। मैंने दिलीप साहब की फिल्म आन को लंदन में देखा था, और मैंने उन्हें पहली बार मुंबई के महबूब स्टूडियो में देखा था। ये महबूब खान की पार्टी थी, जहां मैं उनसे मिली। यहां मैं उनको देखते ही तुरंत उनके प्यार में पड़ गई थी। मैं तब सिर्फ 12 साल की थी।

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आपने एक बड़े सुपरस्टार से शादी की। क्या उनके साथ एडजस्ट करना मुश्किल था? इस सवाल के जवाब में सायरा बानो ने कहा- हम दोनों अपने करियर में खुद को सेटल कर चुके थे। दिलीप साहब ने वास्तव में जितनी फिल्में कीं, उससे कहीं कम फिल्में मैंने कीं। उनके साथ मुझे एडजस्ट करने में कोई मुश्किल नहीं थी। दिलीप साहब जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं।

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दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी को 54 साल हो चुके हैं, लेकिन इनके बीच प्यार आज भी पहले की तरह ही बरकरार है। सायरा हमेशा की तरह आज भी दिलीप कुमार का ख्याल पहले की तरह ही रखती हैं।

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1944 में फिल्म 'ज्वार-भाटा' से फिल्मों में डेब्यू करने वाले दिलीप कुमार अपने किरदारों की वजह से ट्रेजडी किंग कहलाते है। ट्रेजिक रोल्स आधारित उनकी कई मूवीज जैसे 'दाग' (1952), 'देवदास' (1955) बिग हिट रही थीं। इसके बाद अन्य प्रोड्यूसर्स ने भी दिलीप कुमार को लेकर इसी थीम पर फिल्में करना शुरू कर दीं।

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लगातार ट्रेजिक रोल करने के कारण दिलीप साहब असल जीवन में डिप्रेशन में आ गए। खुद इस समस्या से बाहर आने में असफल होने पर वे मनोचिकित्सक के पास गए। मनोचिकित्सक से उन्हें सलाह मिली कि ट्रेजिक फिल्मों की बजाए वे कुछ कॉमेडी मूवी करें। दिलीप कुमार ने सलाह मानी और कुछ बेहतरीन कॉमेडी मूवी जैसे 'कोहिनूर' (1960) और 'आजाद' (1955) में काम किया और डिप्रेशन से बाहर आ गए।
 

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