वे बताते हैं, "मैं पागलों की तरह घंटों-घंटों मेहनत करता रहा। इन चीजों को करने का यह सही तरीका नहीं है। चूंकि मेरे पास सीमित समय था। इसलिए परिस्थितियां ऐसी बन गईं। जैसे हो सका, वैसे कर लिया। मैं क्रिश्चियन बेल नहीं हूं, लेकिन मैंने कोशिश की कि उनके जैसा करूं और आमिर की तरह भी।" फवाद ने इस दौरान यह बात भी स्वीकार की कि इस तरह का ट्रांसफॉर्मेशन रातोंरात नहीं पाया जा सकता।