शो में जितेंद्र अपनी जवानी के दिनों को याद कर बताया कि कैसे वो मुंबई की एक चॉल में रहा करते थे। उन्होंने कहा- मैंने अपनी जिंदगी के करीब 20 साल एक चॉल में बिताए, जिसने मेरी जिंदगी पर गहरा असर डाला। मुझे ऐसा लगता है कि मेरी परवरिश, संस्कार, मां- बाप ने तो दिए है लेकिन माहौल से भी आपको बहुत संस्कार मिलते हैं। मैं आदतों, भाषा और बाकी भी पूरा मराठी हूं, मैं हीरो बना क्योंकि मुझे अच्छी मराठी बोलनी आती थी।