कभी जिस बहन के साथ चलने तक में शर्मिंदगी महसूस करती थी रंगोली, अब उसी की मैनेजर बन कर रही काम

मुंबई। कंगना रनोट 33 साल की हो गई हैं। 23 मार्च, 1987 को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के पास स्थित सूरजपुर (भाबंला) में जन्मी कंगना अपने बोल्ड किरदार, बड़बोलेपन, एक्टिंग स्किल्स या फिर पर्सनल लाइफ को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। कंगना की बड़ी बहन रंगोली चंदेल आज भले ही बतौर मैनेजर उनके साथ काम कर रही हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब रंगोली को कंगना के साथ चलने तक में भी शर्मिंदगी महसूस होती थी। इस बात का खुलासा खुद रंगोली ने एक इंटरव्यू में किया था।

Asianet News Hindi | Published : Mar 22, 2020 3:28 PM IST / Updated: Mar 28 2020, 02:30 PM IST

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कभी जिस बहन के साथ चलने तक में शर्मिंदगी महसूस करती थी रंगोली, अब उसी की मैनेजर बन कर रही काम
रंगोली ने इंटरव्यू में बताया था- "मुझे याद है, बचपन से उसे फैशन के कीड़े ने काट रखा था। भाबंला जैसी छोटी जगह में भी वह पब्लिक जगहों पर अजीबोगरीब कपड़े पहनती थी। वह शॉर्ट पेंट्स, व्हाइट शर्ट और हैट पहनकर घूमती थी। छोटी-सी जगह में इस तरह के कपड़े पहनने से लोग सोचते थे कि वह अजीब है। मुझे उसके साथ चलने में शर्मिंदगी महसूस होती थी। तो मैं कंगना के साथ जाना अवॉइड करती थी। उसके ड्रेसिंग की वजह से डैड उसे लेडी डायना बुलाते थे।
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कंगना के पैदा होने पर खुश नहीं थे पेरेंट्स : कुछ साल पहले वुमन्स डे के मौके पर दिए इंटरव्यू में कंगना ने बताया था कि जब वे पैदा हुई थीं, तब उनके पेरेंट्स बिल्कुल भी खुश नहीं हुए थे। दरअसल, जब उनकी बड़ी बहन का जन्म हुआ था तो घरवाले बेहद खुश थे। लेकिन दूसरे बच्चे के तौर पर जब घर में लड़की हुई, तो परिवार वाले मायूस हो गए। उस दौरान कंगना को अनवॉन्टेड चाइल्ड माना जाता था।
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कंगना की फेवरेट हैं उनकी बड़ी बहन : कंगना के पिता अमरदीप रनोट बिजनेसमैन हैं और मां आशा स्कूल में टीचर हैं। उनकी बड़ी बहन रंगोली, उनकी फेवरेट हैं। रंगोली, कंगना की मैनेजर भी हैं। एसिड अटैक जैसे दर्दनाक हादसे से गुजरने और नए सिरे से जिंदगी जीने वाली रंगोली की लाइफ पर कंगना बायोपिक बनाने की चाहत भी जाहिर कर चुकी हैं। कंगना का एक छोटा भाई भी है, जिसका नाम अक्षत है।
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बचपन से ही मॉडलिंग करती थीं कंगना : कंगना को शुरु से मॉडलिंग का शौक था। एक्टिंग के लिए वो महज 15 साल की उम्र में बिना परमिशन लिए चंडीगढ़ से दिल्ली आ गईं थीं। दिल्ली में इंडिया हैबिटेट सेंटर में काफी मेहनत के बाद एक्टिंग करने को मिला। 5-6 महीने के बाद एक्टिंग वर्कशॉप के अरविंद गौड़ ने कंगना को मौका दिया।
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ऐसे मुंबई पहुंचीं कंगना : बैक स्टेज एक्टिंग करते-करते कंगना को एक बार एंकर बनने का मौका भी मिला। इस एंकरिंग को ही कंगना अपना पहला ब्रेक मानती हैं और इसके बाद वो घर में बिना बताए मुंबई के लिए निकल पड़ीं।
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मंडी आकर ज्योतिषि से करती हैं मुलाकात : मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंगना के घर से भागने और फिल्मों में काम करने की वजह से कंगना के पिता ने उनसे सालों तक बात नहीं की थी। कंगना ज्योतिष में काफी विश्वास करती हैं। वे जब भी मंडी आती हैं यहां के ज्योतिष लेखराज शर्मा से जरूर मुलाकात करती हैं।
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बचपन में नहाने से कतराती थीं कंगना : कंगना के मुताबिक, ‘बचपन में मैं बहुत आलसी हुआ करती थी। यहां तक कि नहाने में भी आना-कानी किया करती थी। मेरे घर वाले इस आदत से बहुत दुखी थे। अब मैं सोचती हूं कि शायद इसी कारण तब कोई मेरा दोस्त नहीं बना। हालांकि जैसे ही मैंने अपनी सफाई पर ध्यान देना शुरू किया, मेरे जीवन में बहुत कुछ अच्छा होना शुरू हो गया।
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थिएटर में काम कर चुकी हैं कंगना : कंगना के माता-पिता चाहते थे कि वे डॉक्टर बनें, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कंगना ने कम उम्र में ही मॉडलिंग की राह अपनाई और दिल्ली में रहकर मशहूर थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौड़ से एक्टिंग की ट्रेनिंग ली। वे अरविंद के थिएटर इंडिया हैबिटेट सेंटर का हिस्सा बनीं और कई नाटकों में काम किया। उनका पहला प्ले गिरीश कर्नाड का 'रक्त कल्याण' था।
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इन फिल्मों में काम कर चुकीं कंगना... कंगना रनोट ने गैंगस्टर, 'फैशन', 'वो लम्हें', 'लाइफ इन मेट्रो', 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई', 'तनु वेड्स मनु', 'क्वीन', 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स', 'मणकर्णिका' जैसी सुपरहिट फिल्में दी हैं। हालांकि, 'रिवॉल्वर रानी', 'नो प्रॉब्लम', 'नॉक आउट', 'आई लव एन वाय', 'कट्टी-बट्टी' और पंगा जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। 'क्वीन' और 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' में अपनी शानदार एक्टिंग से कंगना ने दर्शकों को इम्प्रेस किया। इन दोनों फिल्मों के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
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