मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत को भले ही एक हफ्ते से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन उनकी खुदकुशी के सदमे से बॉलीवुड अब तक उबर नहीं पाया है। हालांकि सुशांत के यूं अचानक दुनिया छोड़कर चले जाने के फैसले के बाद से ही इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) का मुद्दा गरमा गया है। आलम ये है कि कई स्टारकिड्स को नेपोटिज्म की वजह से ट्रोलर्स का शिकार होना पड़ा है। सोशल मीडिया पर भी लोग बॉलीवुड में चलने वाली खेमेबाजी (लॉबिंग) को लेकर उग्र हो रहे हैं। वैसे, देखा जाए तो 100 साल से ज्यादा पुरानी इस फिल्म इंडस्ट्री में आज नहीं बल्कि पहले भी कई कैम्प रहे हैं। फिर चाहे वो राज कपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार का दौर हो, या अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, अनिल कपूर या मिथुन। खेमेबाजी तब भी थी और आज भी बरकरार है। इस पैकेज में हम बता रहे हैं बॉलीवुड के उन टॉप प्रोडक्शन हाउसेस के बारे में, जो फिल्म इंडस्ट्री में खेमेबाजी के सबसे बड़े कैम्प बन गए।