कभी इनकी सिफारिश पर काम मांगने जाते थे मिर्जापुर के कालीन भइया, सुनाया मजेदार किस्सा

मुंबई. 'गैग्स ऑफ वासेपुर', 'मिर्जापुर' और 'मसान' जैसी फिल्मों में काम कर चुके एक्टर पकंज त्रिपाठी लॉकडाउन में फैंस के साथ अपने संघर्ष के किस्से शेयर कर रहे हैं। एक्टर ने कुछ समय पहले कहा था कि सिनेमा जैसे क्षेत्रों में नाम कामने में समय लगता है और संघर्ष के इन सालों में उन्हें कई बेहतरीन अनुभव भी मिले।  

Asianet News Hindi | Published : Apr 28, 2020 6:38 AM IST / Updated: Apr 28 2020, 12:14 PM IST

18
कभी इनकी सिफारिश पर काम मांगने जाते थे मिर्जापुर के कालीन भइया, सुनाया मजेदार किस्सा

अब पकंज त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर संघर्ष के दिनों का एक किस्सा वीडियो के जरिए शेयर किया है। इसमें उन्होंने फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर किया है। 

28

वीडियो में पकंज त्रिपाठी कहते दिख रहे हैं कि वो अपनी पत्नी के साथ मुंबई आ चुके थे और उन्होंने बॉलीवुड में संघर्ष करना शुरू कर दिया था। 
 

38

उस दौरान कास्टिंग डायरेक्टर्स नहीं होते थे और एक्टर्स को कास्ट करने के लिए प्रोफेशनल माहौल नहीं होता था। ऐसे में उन्हें असिस्टेंट डायरेक्टर्स और ऐसे ही फिल्म की यूनिट से जुड़े लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था।

48

पकंज ने आगे कहा कि उस दौर में ना उनके पास काम था और ना उनकी पत्नी के पास जॉब थी, तो ऐसे में उन्होंने बिना समय गंवाए ऑडिशन्स के लिए जाना शुरू कर दिया था और उनकी पत्नी भी वेकेंसी ना होने के बावजूद स्कूलों में नौकरी तलाशने जाया करती थीं।

58

चूंकि तमाम एक्टर्स प्रोडक्शन हाउस आते रहते थे तो यहां जाना आसान नहीं था और पंकज ने इन प्रोडक्शन हाउस में कहना शुरू कर दिया था कि उन्हें ईश्वर जी ने भेजा है, जिसके बाद उनकी एंट्री हो जाया करती थी।

68

पंकज ने बताया कि जब वो अंदर जाते थे और उनसे पूछा जाता था कि ये ईश्वर जी कौन हैं? तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता था और वो ऊपर की तरफ उंगली उठा देते थे। 

78

कई लोग पकंज के सेंस ऑफ ह्यूमर से इंप्रेस हो जाते थे तो कई ऐसे भी थे जो फ्रस्ट्रेट हो जाते थे, हालांकि उन्होंने यही सीखा है कि इंसान को लगातार कोशिश करते रहना चाहिए जिसके बाद वो एक ना एक दिन अपने प्रयासों में जरूर सफल हो जाता है। 
 

88

माता पिता के साथ पकंज त्रिपाठी।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos