चाची से पैसे उधार लेकर मुंबई आए पृथ्वीराज कपूर कैसे बन गए बॉलीवुड के 'पितामह',जानें 10 दिलचस्प बातें

एंटरटेनमेंट डेस्क.भारतीय रंगमंच के निर्माता और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के एक दिग्गज पृथ्वीराज कपूर (prithviraj kapoor) का 29 मई को पुण्यतिथी है। रौबदार आवाज के मालिक पृथ्वीराज कपूर 29 मई 1971 को इस दुनिया को अलविदा कह गए थे। उन्हें बॉलीवुड का पिता, युगपुरुष कहा जाता है। पृथ्वीराज कपूर की पांच पीढ़िया बॉलीवुड में काम कर चुकी हैं और आगे इसका सिलसिला जारी है। आइए फादर ऑफ बॉलीवुड के बारे में जाने 10 दिलचस्प बातें...

Nitu Kumari | / Updated: May 28 2022, 07:01 AM IST
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चाची से पैसे उधार लेकर मुंबई आए पृथ्वीराज कपूर कैसे बन गए बॉलीवुड के 'पितामह',जानें 10 दिलचस्प बातें

पृथ्वीराज कपूर का जन्म पाकिस्तान के लायलपुर (अब फैसलाबाद)  में 3 नवंबर 1906 को हुआ था। वह तीन साल के थे जब मां का निधन हो गया। उन्होंने पेशावर के एडवर्ड्स कॉले में उच्च शिक्षा ली। इसके बाद वो लॉ की पढ़ाई की। लेकिन उनकी मंजिल कहीं और इंतजार कर रही थी। उन्होंने अभिनय में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

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कपूर खानदान के पितामह ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत  एक थिएटर कलाकार के रूप में अपने पैतृक स्थान, लायलापुर और पेशावर में की थी।

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1929 में दो मूवी में छोटा रोल करने के बाद तीसरी मूवी सिनेमा गर्ल में लीड एक्टर की भूमिका मिली। जिससे उन्होंने अपनी पहचान कायम की।

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पृथ्वीराज कपूर ने दो धारी तलवार, शेर-ए-अरब और प्रिंस विजय कुमार समेत 9 मूक फिल्मों में काम किया। मूक फिल्म में भी उनकी एक्टिंग के लोग कायल हो गए थे। 

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इसके बाद 1928 में वो अपनी चाची से कुछ पैसे उधार लेकर मुंबई पहुंचे। यहां वो इम्पीरियल फिल्म्स कंपनी में शामिल हो गए। इसके बाद वो फिल्मों में छोटी भूमिकाएं करना शुरू कर दिया। 
 

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1931 में भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा बनी। इस ऐतिहासिक मूवी में पृथ्वीराज ने सहायक की भूमिका निभाई। वो 24 साल की उम्र में अलग-अलग आठ दाढ़ियां लगाकर जवानी से बुढ़ापे तक की भूमिका निभाया। उनके एक्टिंग के लोग कायल हो गए थे। 
 

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एक प्रतिष्ठित थिएटर अभिनेता के रूप में पृथ्वीराज ग्रांट एंडरसन थिएटर कंपनी एक ब्रिटिश प्लेहाउस में शामिल हो गए। हालांकि उनके शामिल होने के तुरंत बाद कंपनी इंग्लैंड में स्थापित हो गई। 

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1946 में पृथ्वीराज कपूर ने  पृथ्वी थिएटर की स्थापना की। जो दशकों तक चला। इस थियएटर की स्थापना पृथ्वीराज ने देश की आजादी के लिए की  थी। जिसमें देशभक्ति नाटकों का मंचन किया जाएगा और  पीढ़ी को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा। 1996 में थिएटर की स्वर्ण जयंती पर भारतीय डाक ने दो रुपये का एक स्मारक डाक टिकट जारी किया था।

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पृथ्वीराज की सबसे लोकप्रिय मूवी जो ब्लॉकबस्टर रही थी वो मुगल-ए-आज़म में था। 1960 में बनी इस मूवी में उन्होंने मुगल सम्राट अकबर की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के लिए उन्होंने 1 रुपए की फीस ली थी।

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पृथ्वीराज की फिल्म 'कल आज और कल 'में कपूर खानदार की तीन पीढ़िया थी। बेटा राजकपूर, पोता रणधीर कपूर और खुद पृथ्वीराज। वहीं, राज कपूर की फिल्म आवारा में पृथ्वीराज के पिता दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने एक कैमियो भूमिका निभाई थी।  कपूर परिवार भारत में एकमात्र ऐसा परिवार है जिसमें फिल्म कलाकारों की पांच पीढ़ियां हैं।

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