गर्लफ्रेंड से चंद मिनटों की मुलाकात में ही शादी का मन बना लिया था इस एक्टर ने, ऐसी है लव स्टोरी

मुंबई. राजकुमार राव आज अपना 35वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। उनका जन्म 31 अगस्त, 1984 को गुरुग्राम में हुआ था। राजकुमार राव ने अपने करियर की शुरुआत 2014 में 'सिटी लाइट' से की थी। इस मूवी में उनके साथ गर्लफ्रेंड पत्रलेखा ने भी बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया था। राजकुमार राव ने पत्रलेखा को पहली बार एक ऐड शूट के दौरान देखा था। इसी वक्त उन्होंने एक्ट्रेस को देखते ही उन्हें अपना दिल दे दिया था और तभी उनसे शादी का मन बना लिया था।  

Asianet News Hindi | Published : Jun 13, 2020 8:56 AM IST

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गर्लफ्रेंड से चंद मिनटों की मुलाकात में ही शादी का मन बना लिया था इस एक्टर ने, ऐसी है लव स्टोरी

राजकुमार राव ने पत्रलेखा को जन्मदिन की बधाई देते हुए एक बार बताया था कि जब उन्होंने एक्ट्रेस को पहली बार एक ऐड शूट के दौरान देखा था तो वो सोचते रह गए थे। वो हर दिन उनसे मिलने के लिए दुआ करते थे। उनके अंदर एक आशा रहती थी कि वो उनसे एक दिन जरूर मिलेंगे। 
 

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राजकुमार राव ने बताया था कि एक महीने बाद वो उनसे फिर से मिले। वो इसे अपना भाग्य मानते थे। अपनी इस सालों की मुलाकात को राजकुमार कहते हैं कि उन्हें लगता है कि वो उनसे अभी मिले हैं। पत्रलेखा उनके लिए दुनिया की सबसे सुंदर और सशक्त लड़की हैं।

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हरियाणा के गुरुग्राम में पैदा हुए राजकुमार राव का 10वीं क्लास में ही एक्टिंग का जज्बा पैदा हो गया था। क्योंकि, राजकुमार का पूरा परिवार ही फिल्मों का दीवाना था लिहाजा राजकुमार की एक्टिंग की तरफ दिलचस्पी धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी और गुरुग्राम से निकल कर वो दिल्ली चले आए। 

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राजकुमार ने मंडी हाउस के श्रीराम सेंटर से 2 साल का एक्टिंग में डिप्लोमा किया। तो वहीं आत्माराम कॉलेज से आर्ट में ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने अपने एक्टिंग की बारीकियों को तराशने के लिए FTTI का रुख कर लिया। फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे से एक्टिंग में कोर्स करने के बाद राजकुमार राव साल 2008 में मुंबई चले आए। यहां करीब एक साल तक राजकुमार राव को काफी संघर्ष करना पड़ा। यहां तक की कई बार खाने के पैसे नहीं होने की वजह से दोस्त के साथ खाने को शेयर किया करते।

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संघर्ष के दिनों में उनकी मां राजकुमार को एक ज्योतिषी ने सलाह दी। उनकी मां का ज्योतिष में काफी विश्वास होता था। उन्होंने राजकुमार को अपने नाम में बदलाव करने को कहा। मां ने इसके लिए न्यूमेरोलॉजिस्ट से बात की थी। तब वो Rajkumar से Rajkummar लिखने लगे। यही नहीं राजकुमार को उनकी मां ने सरनेम भी बदलने को कहा और फिर राजकुमार यादव से वे राजकुमार राव बन गए।

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राजकुमार 'रागिनी एमएमएस' से होते हुए 'शैतान', 'गैंग ऑफ वासेपुर 2', 'काई पो चे', 'शाहिद', 'न्यूटन' जैसी फिल्मों ने उन्हें एक अलग पहचान दी। शाहिद के लिए राजकुमार राव को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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