देवी के भक्त हैं यहां के भालू, रोज नियम से आते हैं माता के दर्शन करने
रायपुर. (छत्तीसगढ़). हिंदू धर्म में देवी देवताओं के मंदिरों का अलग ही स्थान है। देश में ऐसे कई मंदिर हैं जहां श्रद्धालुओं की लाखों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन आज हम आपको आस्था से जुड़ी ऐसी ही एक विचित्र बात या जानकारी देने जा रहे हैं जिसको जान आपको हैरानी होगी। छत्तसीगढ़ में एक ऐसा अनोखा मंदिर हैं जहां पर रोज नियम से भालू आते हैं और देवी जी का प्रसाद ग्रहण करके वापस अपने स्थान पर लौट जाते है।
Asianet News Hindi | Published : Sep 21, 2019 1:08 PM IST / Updated: Sep 21 2019, 06:39 PM IST
दरअसल यह मंदिर मुंगईमाता का मंदिर है। जो राजधानी रायपुर से 85 किमी दूर नेशनल हाइवे 53 पर एक पहाड़ी पर बना हुआ है। नवरात्रि के मौके पर यहां रोज हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है।
देवी जी के इस मंदिर में जब श्रद्धालुओं वहां पहुंचने वाले भालुओं को देखते हैं तो वह यकीन नहीं कर पाते हैं। वह इनके लिए बिस्किट और मूंगलफली साथ ले जाते हैं और वहां पहुंचकर अपने हाथ से खिलाते हैं। कोई उनके साथ सेल्फी लेता है तो कोई उनका वीडियो बना लेता है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि भालु माता के दर्शन करने आते हैं। वह किसी प्रकार का किसी का भी नुकसान नहीं करते हैं। कई लोगों की कहना है कि वह देवी जी की कृपा से यहां आते हैं। छोटे बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग भालुओं के साथ खेलते रहते हैं। ऐसी मान्यता हैं कि वहां के ग्रामीण लोग इन भालुओं को जामवंत के वंश का मानते है।
यह मंदिर महासमुंद जिले की पहाड़ियों में है। स्थानीयो लोगों के अनुसार यह मंदिर करीब 130 साल पुराना है। जानकारी के मुताबिक यह देवी मंदिर 1950 में के लिए बनाया गया था।