21 साल की दिव्यांग लड़की घिसटते हुए घर को 'चल' पड़ी, देखिए पलायान के दर्द से जुड़ीं कुछ तस्वीरें

बिलासपुर, छत्तीसगढ़.  यह हैं जांजगीर मुढ़पार की रहने वाली 21 साल की दिव्यांग चंद्रिका। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिंदगी में कभी घिसटते हुए मीलों चलना पड़ेगा। वे गुरुग्राम में ईंट भट्टे पर मजदूरी करती थीं। काम-धंधा बंद हुआ, तो साथी मजदूरों के साथ पैदल घर को लौट पड़ीं। करीब 170 किमी वे घिसटते हुए आगरा पहुंचीं। यहां यूपी पुलिस ने मजदूरों को खाना खिलाया और फिर गाड़ियों में बैठाकर आगे रवाना किया। चंद्रिका ने कहा कि इसके अलावा उनके पास दूसरा कोई जरिया भी नहीं था। चंद्रिका ने कहा कि यहां तो खाने-पीने तक के लाले पड़े गए थे। चंद्रिका और उसके साथ के 32 लोग पैदल गुरुग्राम से चलकर 5 दिन में आगरा पहुंचे थे।
 

Asianet News Hindi | Published : May 16, 2020 4:51 AM IST
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21 साल की दिव्यांग लड़की घिसटते हुए घर को 'चल' पड़ी, देखिए पलायान के दर्द से जुड़ीं कुछ तस्वीरें

चंद्रिका के साथ उनकी मां गंगाबाई और गांव के ही 32 लोग थे। सभी ईंट-भट्टा में काम करते थे। ये लोग यूपी पुलिस का धन्यवाद देते हैं, जिनकी मदद से उन्हें आगरा में गाड़ी मुहैया कराई गई और वे बिलासपुर पहुंच पाए।

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यह तस्वीर नई दिल्ली की है। एक रिक्शे में ऐसे ठूंसकर घरों को निकले लोग।

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मुंबई में घर जाने के इंतजार में साधन की लाइन में खड़े लोग।

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ऐसा मंजर बंटवारे के बाद दूसरी बार देखा गया।

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पैदल चलते हुए जब मां-बच्चा थक गए, तो सड़क पर ही बैठ गए। बच्चे को धूप से बचाती मां।
 

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यह तस्वीर नई दिल्ली की है। छोटी-सी गाड़ी में इस तरह बैठकर जाना मजबूरी है।

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इस तरह सड़कों चिलचिलाती धूप में लोगों को घरों की ओर लौटते देखा जा सकता है।

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चलते-चलते जब थके, तो जहां मिला..वहीं सो रहे मजदूर।

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