मामला जब मीडिया तक पहुंचा तो अस्पताल की सीएमएचओ मीरा बघेल ने बताया कि मॉर्चुरी लाशों से फुल हो चुकी है, इसलिए शव बाहर रखे हुए हैं। जिस साइज की मॉर्चुरी बनती है, यहां भी उसी साइज की है। लेकिन अचानक जब 50-100 शव आ जाएं तो जगह कम पड़ जाती है। साथ ही अंदर करीब 6 महीन से ऐसे शव पड़े हैं, जिनका कोई मतलब नहीं है। इतनी ज्यादा संख्या में शव आ रहे हैं कि मैंने अपने करियर में यहां कभी नहीं देखे।