छत्तीसगढ़ में बेलगाम कोरोना: 7 दिन में 700 मौतें, अस्पताल के बाहर लाशों की लाइन..कोई नहीं देखने वाला


रायपुर. महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ में बेलगाम कोरोना: 7 दिन में 700 मौतें, अस्पताल के बाहर  लाशों की लाइन..कोई नहीं देखने वाला में कोरोना की भयावह स्थिति है। महामारी की रफ्तार इतनी तेजी से बढ़ रही है कि एक सप्ताह के अंदर करीब 700 लोगों की मौत हो चुकी है। रोज 100 लोग दम तोड़ रहे हैं। अगर बात पिछले 24 घंटे की जाए तो राज्य में  107 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वायरस के आंकड़े जिस हिसाब से बढ़ रहे हैं वह बेहद चिंताजनक है। जबकि राज्य सरकार ने दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए 15 जिलों में 10 दिन का लॉकडाउन लगाया  हुआ है। लेकिन हालत जस के तस बने हुए हैं। अस्पतालों और मॉर्चुरी के बाहर शवों की लाइन लगी हुई है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 13, 2021 9:29 AM IST / Updated: Apr 13 2021, 03:46 PM IST
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छत्तीसगढ़ में बेलगाम कोरोना: 7 दिन में 700 मौतें, अस्पताल के बाहर  लाशों की लाइन..कोई नहीं देखने वाला


यह तस्वीर रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की है, जहां के मुर्दा घर में इस तरह से लावारिस हालत में लाशें पड़ी हुई हैं। रोज इतने लोग जान गंवा रहे हैं कि  चीरघर में लाशें रखने की जगह नहीं बची है। सबसे ज्यादा मौंते राजधानी रायपुर और दुर्ग जिले से सामने आ रही हैं। रायपुर में  18 मुक्तिधाम हैं, इसके बाद भी वहां पर अंतिम संस्कार करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
 

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मॉर्चुरी के बाहर शवों की लाइन वाला वीडियो बीजेपी नेता प्रेम शुक्ल ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए ट्वीट के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साथा है। उन्होंने लिखा, आंबेडकर अस्पताल का यह दृश्य है। जहां शव रखने की भी जगह नहीं, अंतिम संस्कार के लिए अपनी पारी की प्रतीक्षा करते  शव ! श्रीमान @RahulGandhi थोड़ी भी शर्म बची हो तो इस पर भी कुछ बोलिए।
 

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 मामला जब मीडिया तक पहुंचा तो अस्पताल की सीएमएचओ मीरा बघेल ने बताया क‍ि मॉर्चुरी लाशों से फुल हो चुकी है, इसलिए शव बाहर रखे हुए हैं। जिस साइज की  मॉर्चुरी बनती है, यहां भी उसी साइज की है। लेकिन अचानक जब  50-100 शव आ जाएं तो जगह कम पड़ जाती है। साथ ही अंदर करीब 6 महीन से ऐसे शव पड़े हैं, जिनका कोई मतलब नहीं है। इतनी ज्यादा संख्या में शव आ रहे हैं कि मैंने अपने करियर में यहां कभी नहीं देखे।

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कोरोना के हाहाकार के बीच रायपुर के सबसे बड़े अस्पताल अंबेडकर अस्पताल  के जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को  हड़ताल कर दी है। उनकी मांग है कि अगर व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो सभी इमरजेंसी सर्विस और कोविड वार्ड की ड्यूटी करना भी बंद कर देंगे। इन्होंने सरकार को 18 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। 
 

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