मजदूर राजेंद्र ने बताया कि वह कुछ सालों पहले भोपाल मजदूरी करने गया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते उसका काम-धंधा बंद हो गया। पत्नी गर्भवती थी फिर भी मैंने घर जाने की सोचा, क्योंकि यहां रहता तो परिवार का पेट कैसे पालता। कैसे मकान मालिक का किराया चुकाता, इसलिए घर आने का फैसला किया। इतनी तकलीफ के बाद गांव पहुंचने से पहले खुशी मिली है। अब गांव में ही रहेंगे, कभी बाहर नहीं जाऊंगा।