आज के दिन को कभी नहीं भूल पाएगा छत्तीसगढ़, एक साथ 29 जवान हुए थे शहीद...उस पल को याद कर रोए परिजन

Published : Jul 12, 2020, 09:37 PM ISTUpdated : Jul 12, 2020, 09:40 PM IST

रायपुर. वैसे तो छत्तीसगढ़ में आए दिन नक्सली हमले की खबरें सामने आती रहती हैं। लेकिन आज से 11 साल पहले हुए राजनांदगांव जिले के  कोरकोट्‌टी-मदनवाड़ा इलाके में हुए उस बड़े हमले को शायद ही प्रदेश की पुलिस और जनता भूल पाएगी। क्योंकि इस दिन नक्सलियों ने एक साथ एसपी समेत 29 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।  

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आज के दिन को कभी नहीं भूल पाएगा छत्तीसगढ़, एक साथ 29 जवान हुए थे शहीद...उस पल को याद कर रोए परिजन


उन पलों को याद कर परिजनों की आंखों से छलक पड़े आंसू
दरअसल, रविवार के दिन मानपुर थाने में पुलिस के अधिकारियों और शहीद जवानों के परिजनों ने 11वीं बरसी पर उनकी शहादत को सलाम किया। अमर जवान स्मारक पर फूल चढ़ाकर 29 पुलिसकर्मियों की वीरता को याद किया। इतना ही नहीं जब अमर जवानों को श्रद्धांजलि देते वक्त उनके साथ बिताए पल याद आए तो परिजनों की आंखों में आंसू निकल आए।

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जब एक साथ इस दिन आईं थी 29 लाशें...
बता दें कि 12 जुलाई 2009 के दिन सुबह-सुबह कोरकोट्‌टी गांव के पास करीब .300 से ज्यादा नक्सलियों ने 29  पुलिस जवावों को घेऱ लिया था। दोनों के बीच भारी गोलीबारी शुरू हो चुकी थी। सूचना मिलने पर तत्कालीन एसपी वीके चौबे मौके पर टीम लोकर रवाना हो गए थे। फिर शाम में जब जिला मुख्यालय में एसपी समेत 29 पुलिस जवानों की लाशें आईं तो पूरा इलाका गमगीन हो गया। पुलिसवालों के शवों की हालत देख हर कोई रो पड़ा।
 

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 29 पुलिस जवानों की हत्या के बाद मनाया था जश्न
राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक इस घटना से हड़कंप मच गया था। बता दें कि उस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह थे। यह पहली घटना थी जब नक्सलियों ने किसी एसपी को इस तरह मारा था। इस हमले को नक्सलियों ने ऑपरेशन विजय नाम दिया था। हमले के बाद नक्सलियों ने जमकर जश्न भी मनाया था।

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सीएम ने जवानों किया कोटि-कोटि नमन 
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जवानों की शहादत को याद करते हुए सलाम किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- हमारी जाबांज पुलिस के शहीदों के शहादत दिवस पर मैं कोटि-कोटि नमन करता हूँ। आपके बलिदान की वीर गाथाएं सभी के लिए सदैव प्रेरणा बनी रहेंगी।

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यह वही जगह जहां पर आज से 11 साल पहले नक्सलियों ने छिपकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। उस दौरान वीरान था, आज यहां पर सड़क बन चुकी हैं।

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जब अमर जवानों को उनके परिजनों ने श्रद्धांजलि दी तो उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े।

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