दरअसल, यह मामला डोंगरगांव कोविड सेंटर का है, जहां आसरा गांव की रहने वाली दो सगी बहनों को उनके परिजनों ने मंगलवार दोपहर को भर्ती कराया था। दोनों की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। ऑक्सीजन लेवल डाउन हो रहा था। दोनों को सिलेंडर तो लगाया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। आलम यह हुआ कि एक ने 9 बजे मौत हो गई तो दूसरी ने रात डेढ़ बजे दम तोड़ दिया। बता दें कि दोनों सगी बहनें, देवरानी और जेठानी हैं। इसके बाद अस्पताल के बीएमओ ने नगर पंचायत से शव ले जाने के लिए वाहन की मदद मांगी, नगर पंचायत के अफसरों ने कचरा कलेक्शन करने वाला वाहन भेज दिया। बेबसी में परिजन अपनी बेटियों की लाशें उसमें रखकर मुक्तिधाम तक ले गए।