कोंडागांव, छत्तीसगढ़. यह तस्वीर भारत के ग्रामीण अंचलों..खासकर आदिवासी गांवों की हकीकत दिखाती है। दूर-दराज के गांवों में अब तक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। लिहाजा, अकसर ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं। बल्लियों के सहारे बनाई गई पालकी पर लटकाकर इस गर्भवती को किमी दूर खड़ी एम्बुलेंस तक लाया गया। क्योंकि गांव तक रास्ता इतना ऊबड़-खाबड़ था कि एम्बुलेंस वहां तक नहीं पहुंच सकती थी। यह अच्छी बात रही कि एम्बुलेंस का ड्राइवर और नर्स अच्छे लोग निकले और उन्होंने गर्भवती को लाने के लिए यह रास्ता निकाला। मामला कोंडागांव माकड़ी विकासखंड के मोहन बेडा गांव का है। बल्लियों का स्ट्रेचर बनाया..