बेटे के शहीद होने की खबर सुनकर रोते हुए बोली मां, मेरा कलेजा मजबूत है, दूसरा बेटा भी फोर्स में जाएगा

Published : Mar 23, 2020, 09:59 AM IST

सुकमा, छत्तीसगढ़. नक्सली हमले में अपने बेटे के शहीद होने की खबर सुनकर लाजिमी है कि मां फूट-फूटकर रोएगी..लेकिन इस जवान की मां की आंखों में आंसुओं के साथ गर्व भी था। जब इसके शहीद होने की खबर लेकर थाना प्रभारी घर पहुंचे..तो वहां जो देखा-सुना..उससे वो भी रो पड़े। जब उन्होंने इस शहीद की मां से कहा कि खुद का संभालिए..तो जवाब मिला-'मेरा कलेजा बहुत मजबूत है...अब मेरा दूसरा बेटा भी फोर्स में जाकर देशसेवा करेगा!' अपना जवान बेटा खोने वाली एक मां को इस तरह कहते देख..वहां मौजूद लोगों की आंखों में भी आंसू निकल आए। लेकिन उन्हें गर्व भी था कि यह जवान उनके गांव का रहने वाला था। बता दें कि शनिवार को सुकमा में हुए नक्सली हमले में 17 जवान शहीद हो गए थे। इनमें अमरजीत खलखो जशपुर जिले का रहने वाला था। इन जवानों के शहीद होने की खबर अगले दिन यानी रविवार को सर्चिंग के बाद पता चली थी। अमरजीत औरीजोरा हर्राड़ाड के रहने वाले थे। अमरजीत ने 2 साल पहले ही सीएएफ ज्वाइन किया था।  शहीद के पिता अमृत खलखो की 3 साल पहले करंट लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी अमरजीत के कंधे पर आ गई थी। घर में मां, छोटा भाई और नानी हैं।  

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बेटे के शहीद होने की खबर सुनकर रोते हुए बोली मां, मेरा कलेजा मजबूत है, दूसरा बेटा भी फोर्स में जाएगा
अमजीत की मां ने बताया कि 2 दिन पहले ही उससे बात हुई थी। अमरजीत गांव में अपना घर बनवा रहा था। उसने मां से कहा था कि वो घर का डिजाइन खुद बताएगा। अमरजीत का फरसाबहार क्षेत्र की युवती से रिश्ता पक्का हो गया था। यह शादी जल्द होने वाली थी।
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बता दें कि इस हमले में डीआरजी के 12 और एसटीएफ के 5 जवान शहीद हुए हैं। घायलों से मिलने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पहुंचे थे।
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बस्तर आईजी पी सुंदराज ने बताया कि शनिवार दोपहर सुकमा के चिंतागुफा थाना एरिया के कसालपाड़ा और मिनपा के बीच नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा के 500 जवानों को सर्चिंग के लिए भेजा गया था।
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डीआईजी सुंदराज ने बताया कि नक्सली जवानों से 10 से ज्यादा एके-47 और अन्य हथियार भी लूट ले गए।
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बताते हैं कि शनिवार शाम करीब 4 बजे नक्सलियों ने गश्ती दल पर हमला कर दिया था। इसमें 17 जवान शहीद हो गए थे। बाकी वहां से निकल आए थे। रविवार को सर्चिंग के दौरान सभी जवानों के शव जंगल में मिले थे।
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बस्तर आईजी पी सुंदराज ने कहा कि बस्तर के इतिहास में डीआरजी यानी कि डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड के जवानों का इतना बड़ा नुकसान हुआ है।

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