जब शहीद पापा को आखिरी विदाई देते वक्त रोते हुए गाने लगा मासूम-'गोल-गोल रानी...पापा ने पकड़ा..बड़ा मजा आया'

बस्तर, छत्तीसगढ़. जिंदगी इतनी सस्ती नहीं होती, जितना गोली चलाने वाले सोचते हैं। एक जान..कइयों को 'बेजान' कर देती है। एक पूरे घर की खुशियां छीन लेती है। किसी बच्चे के लिए उसके मां-बाप क्या होते हैं..यह बताने की जरूरत नहीं। मां-बाप बच्चों के लिए भगवान होते हैं। लेकिन जब किसी बच्चे से उसके भगवान छीन लिए जाएं, तो सोचिए उसके दिल पर क्या बीतती होगी? इस मासूम बच्चे के दिल पर भी यही बीत रही होगी, जिसके पापा नक्सली हमले में शहीद हो गए। यह बच्चा है लकी, जो अपने पापा के अंतिम संस्कार के वक्त गुमसुम था। वो एक गाना गुनगुना रहा था, जो अकसर पापा के सामने गाता था। उसे पापा का अंतिम संस्कार एक खेल-सा नजर आ रहा था। हालांकि वो अपना मन बहलाने की कोशिश कर रहा था। उसे मालूम था कि अब पापा कभी लौटकर नहीं आएंगे। उल्लेखनीय है कि CAF के जवान उपेंद्र साहू शनिवार को बस्तर जिले के मारडूम थाना अंतर्गत बोदली कैम्प से सर्चिंग के लिए रवाना हुए थे। इसी दौरान घोटिया मोड के पास नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में वे और एक अन्य साथी शहीद हो गए थे। रविवार सुबह गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद साहू का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के दो बेटे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2020 5:40 AM IST

15
जब शहीद पापा को आखिरी विदाई देते वक्त रोते हुए गाने लगा मासूम-'गोल-गोल रानी...पापा ने पकड़ा..बड़ा मजा आया'
रविवार को जब जगदलपुर में इंद्रावती के नए पुल के पास मुक्ति धाम में शहीद उपेंद्र साहू का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके 7 साल के बेटे लकी ने मुस्कराते हुए एक गाना गाया। यह गाना वो अकसर अपने पापा और मम्मी के बीच गाता था। गोल गोल रानी, इतना इतना पानी, पानी में फिसला मछली, पापा ने पकड़ा, मम्मा ने बनाया, तुम ने खाया, हम ने खाया...बड़ा मजा आया। बच्चे को गाना गाते देख लोगों के आंसू निकल आए। वो बार-बार पूछ रहा था कि पापा को कहां चोट लगी है..नाक में न?
25
बता दें कि नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स CAF के जवान प्रधान आरक्षक उपेंद्र साहू और प्रधान आरक्षक देवेंद्र सिंह शहीद हो गए थे। देवेंद्र सिंह मध्य प्रदेश के सतना जिले के रहने वाले थे। रविवार सुबह अपने पापा को अंतिम विदाई देते वक्त साहू का बड़ा बेटा फूट-फूटकर रो पड़ा।
35
बस्तर आईजी सुंदरराज पी के ने बताया कि सीआरपीएफ और सीएएफ की संयुक्त टीम बारसूर से नारायणपुर तक चल रहे सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा देने के लिए गई थी। इसी दौरान नक्सलियों ने हमला कर दिया था। जैसे ही शहीद उपेंद्र साहू के बारे में उनके घर पर खबर मिली, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था।
45
बता दें कि बोदली में पुलिस कैंप खोले जाने से नक्सली बौखला गए हैं। नक्सली यहां पहले भी ब्लास्ट कर चुके हैं। इसके बाद भी पुलिस लगातार सर्चिंग कर रही है।
55
शहीद उपेंद्र साहू को अंतिम विदाई देते वक्त उनके परिजन खुद को काबू में नहीं रख पाए। उपेंद्र अपने परिवार से लगातार संपर्क में रहते थे।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos