दरअस, यह कहानी है गरियाबंद जिले के मौहदा गांव के रहने वाले एसटीएफ जवान सुखराम फरस की है। जो देश और अपने साथियों की रक्षा करते-करते शहीद हो गए। जवान के जाने के बाद उनके परिवार में इस वक्त मातम की चीखें सुनाई दे रही हैं। कच्चे घर के एक कोने में बुजुर्ग पिता और मां बैठेकर रो रहे हैं तो वहीं छोटे भाई के आंसू थमने के नाम नहीं ल रहे हैं। लेकिन सबसे दुखद कहानी जवान की पत्नी की है, जो अपने मासूम बेटे को गोद में लिए बिलख रही है। वह कभी उसको चुप कराती तो कभी खुद दहाड़ मारकर रोने लगती।