कवर्धा (छत्तीसगढ़). कोरोना महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हेल्थ विभाग के फ्रंट लाइन वर्कर्स अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों को बचाने में जुटे हुए हैं। इसलिए तो इनकी निष्ठा, आत्मीयता, त्याग और समर्पण को देखते हुए इन्हें वॉरियर का दर्जा मिला हुआ है। ऐसी ही एक नर्स वॉरियर्स की कहानी छत्तीसगढ़ के कवर्धा से सामने आई है, जिसके बलिदान को शायद कोई कभी भूल पाएगा। वह 9 महीने की गर्भवती होने के बावजूद भी कोविड वार्ड में डयूटी करती रही। इस दौरान वह संक्रमित हो गई। बच्ची को जन्म देने के बाद वो 21 दिनों तक वायरस से जंग लड़ते रही और आखिर में उसकी मौत हो गई।