कांकेर, छत्तीसगढ़. यह तस्वीर ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत दिखाती है। अगर कोई रात-बेरात बीमार हो जाए..तो उसे सुबह तक अपनी तकलीफ को काबू में रखना होगा। अगर नहीं रख सके, तो मौत तय है। 12 साल की यह लड़की मानकी कांकेर जिले की ग्राम पंचायत कंदाड़ी के आश्रित गांव आलदंड की रहने वाली है। दो दिन पहले रात को अचानक इसकी तबीयत खराब हो गई। उसे डॉक्टर के पास ले जाना उस समय संभव नहीं था। गांव में कोई स्वास्थ्य सेवा नहीं है। लिहाजा, मजबूरी में मानकी को रातभर तकलीफ झेलनी पड़ी। इस दौरान परिजनों ने भी जागकर रात काटी। सुबह होते ही परिजन उसे कंधों पर टांगकर इलाज के लिए निकल पड़े। करीब 5 किमी उसे ऐसे ही लटकाकर नदी तक ले गए। वहां, उन्हें घंटेभर तक नाव का इंतजार करना पड़ा। नदी पार करके 6 किमी दूर छोटेबेठिया उपस्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। उनके गांव से उपस्वास्थ्य केंद्र की दूरी करीब 14 किमी है। आगे पढ़िये इसी खबर के बारे में...