1000 रुपए किलो है यह सब्जी, जल्दी चख लीजिए वरना मार्केट से हो जाएगी गायब..जानिए इसकी खासियत

बस्तर (छत्तीसगढ़). कभी सब्जी 100 रुपए किलो हो जाए तो देश में हड़कंप मच जाता है। यहां तक कि प्याज के रिकॉर्ड तोड़ महंगी कीमत ने बार केंद्र सरकार तक गिरवा दी है। लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसी सब्जी मिलती है, जो इस समय एक हजार रुपए किलो मार्केट में बिक रही है। इस सब्जी को लोग आम बोलचाल में महंगी सब्जी ही कहते हैं। हालांकि इसका नाम 'बोड़ा' है, जो बारिश शुरू होते ही बाजार में आ जाती है। इसका सीजन सिर्फ दो से तीन महीने ही होता है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 4, 2020 11:52 AM IST

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1000 रुपए किलो है यह सब्जी, जल्दी चख लीजिए वरना मार्केट से हो जाएगी गायब..जानिए इसकी खासियत

दरअसल, यह कुदरती सब्जी अधिकांश छत्तीसगढ़ के बस्तर और बस्तर के आस-पास के इलाकों में पाई जाती है। जिसकी कीमत लगभग 200रु. से 1000 या 1200रु. के आसपास होती है। आज तक बोडा की कीमत कभी भी 200रु. से कम नहीं हुई।
 

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बता दें कि इस सब्जी के महंगे होने का कारण है, इसकी पैदावार। क्योंकि इसकी ना तो खेती होती है और ना ही उसको किसी तरह से पैदवार करना संभव है। बोड़ा, सब्जी की खासियत है कि इसका उत्पादन प्राकृतिक रूप से होता है। यह साल के वनों में यानि साल के पेड़ के नीचे पाई जाती है। जब वह बारिश के दिनों में धुप तेज होती है, तब बोड़ा की खुदाई साल के पेड़ के नीचे की जाती है।

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बता दें कि इसकी कीमत शुरुवाती सीजन में अधिक होता है। शुरूवाती सीजन में बोड़ा के छिलके और इसका गुदा नरम होता है, इस वजह से इसका स्वाद भी लाजवाब होता है।

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मॉनसून की शुरुआत में मिलने वाली बोड़ा सब्जी गहरे भूरे या सफेद रंग की होती है। इसको कुछ लोग 'जात बोड़ा' कहते हैं। हालांकि बरसात का एक महीना बाद बोड़ा की ऊपरी परत नरम हो जाती है, तब इसे 'लाखड़ी बोड़ा' कहते हैं। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में बोड़ा को ही 'पुटु' कहा जाता है। वहीं कुछ लोग इसे 'पटरस फुटू' भी कहते हैं।

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डॉक्टर के अनुसार 'बोड़ा' माईक्रोबाइलॉजिकल फंगस है, जो साल के पेड़ों की जड़ों से निकले केमिकल से विकसित होता है। इससे बॉडी को सेलुलोज और कार्बोहाइड्रेट मिलता है।

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