कोरोना वैक्सीन को लेकर ऑक्सफॉर्ड से आई गुड न्यूज, ये देश भी बनाने में जुटे हैं वैक्सीन

लंदन. कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। इससे लड़ने के लिए कोविड-19 वैक्सीन बनाने में पूरी दुनिया में रिसर्च प्रोग्राम और सप्लाई चेन्स सेटअप किए गए हैं। भारत समेत कम से कम सात देशों में वैक्सीन कैंडिडेट्स का ह्यूमन ट्रायल पूरा किया जा रहा है। वैक्सीन बनाने को लेकर जो रेस चल रही है, इसमें ब्रिटेन, चीन, अमेरिका और रूस सबसे आगे है। इन देशों में अलग-अलग वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुका है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 19, 2020 10:54 AM IST

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कोरोना वैक्सीन को लेकर ऑक्सफॉर्ड से आई गुड न्यूज, ये देश भी बनाने में जुटे हैं वैक्सीन

ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca ने AZD1222 नाम वाली जो वैक्‍सीन तैयार की है, वह डेवलपमेंट में सबसे ऐडवांस्‍ड मानी जा रहा है। भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक दीपक पालीवाल ने हाल ही में मीडिया से बातचीत की और इस दौरान उन्होंने बताया कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ जरूर असर करेगी। उन्‍होंने कहा कि ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी ने भी बोला है कि उनकी उम्‍मीदों से दोगुने अच्‍छे नतीजे आए हैं। उन्‍होंने सच में बेहतरीन रिजल्‍ट्स देखे हैं। पालीवाल ने बताया कि सभी वॉलंटिअर्स को एक नंबर दिया गया है ताकि कोई परेशानी होने पर रिसर्चर्स को बताया जा सके।

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वहीं, उत्तर कोरिया ने कहा है कि वो अपने बलबूते ही कोरोनावायरस की वैक्सीन तैयार कर रहा है। वहां की 'साइंस रिसर्च काउंसिल' ने शनिवार को यह दावा किया। दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, वैज्ञानिक कोविड-19 वैक्सीन तैयार करने के लिए फिलहाल क्लीनिकल ट्रायल कर रहे हैं। यह वैक्‍सीन एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2 (एसीई2) का इस्तेमाल करके बनाई गई है। नॉर्थ कोरिया ने जानवरों पर वैक्‍सीन से इम्‍यूनिटी की पुष्टि की है।

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ब्रिटेन की ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca ने मिलकर जो वैक्‍सीन बनाई है, उसका शुरुआती ह्यूमन ट्रायल पूरा हो गया है। वहीं, ब्राजील में वैक्‍सीन का तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है। शुरुआती स्‍टेज में वैक्‍सीन कितनी असरदार रही, इसका पता आने वाले दिन में चलेगा जब यूनिविर्सिटी ट्रायल का डेटा जारी करेगी।

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भारत में तैयार हुई पहली कोरोना वैक्‍सीन Covaxin का दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में ह्यूमन ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है। एथिक्‍स कमिटी से संस्‍थान को अप्रूवल भी मिल गया है। AIIMS में फेज 1 ट्रायल के लिए कुल 100 पार्टिसिपेंट्स एनरोल किए जाएंगे। वैक्‍सीन के पहले ट्रायल में 375 लोगों को डोज दी जाएगी। अभी तक इस वैक्‍सीन का एम्‍स पटना और रोहतक पीजीआई में ही ट्रायल शुरू हो सका है।

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बताया जा रहा है कि वैक्सीन की टेस्टिंग 18 से 55 साल की उम्र के हेल्‍दी लोगों पर की जाएगी। कहा जा रहा है कि अगर जो भी इस ट्रायल का हिस्सा बनना चाहता है तो एम्स ने डेडिकेटेड ईमेल आईडी और फोन नंबर दिया है। व्हाॉटसअप के जरिए भी वॉलंटिअर्स बनने का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। अभी तक दिल्‍ली एम्‍स को वैक्‍सीन का स्‍टॉक नहीं मिला है। वैक्‍सीन की दो डोज- पहली पहले दिन और दूसरी 14वें दिन दी जाएगी। ट्रायल में 'डबल ब्‍लाइन्‍ड' तकनीक का भी इस्‍तेमाल होगा, जिसमें न तो वॉलंटिअर, न ही रिसर्चर्स को पता रहेगा कि किसे वैक्‍सीन दी जा रही है और किसे प्‍लेसीबो।

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हैकिंग के आरोपों के बीच रूस ने वैक्‍सीन डेवलपमेंट का काम तेज कर दिया है। वो वैक्सीन को सितंबर तक लॉन्च करने का टारगेट लेकर चल रहा है। राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने कोरोना वैक्‍सीन बनाने को प्राथमिकता दी है। AstraZeneca Plc के साथ रूस पहले ही वैक्‍सीन प्रोड्यूस करने की डील पर बात कर रहा है। रूस में कुल 26 तरह की वैक्‍सीन पर काम चल रहा है।
 

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चीनी कंपनी साइनोफार्म की वैक्‍सीन का फेज 3 ट्रायल शुरू हो गया है। UAE के अबू धाबी में 15,000 रजिस्‍टर्ड वॉलंटिअर्स को कोविड-19 की इनऐक्टिवेटेड वैक्‍सीन की पहली डोज दी गई। कंपनी का दावा है कि 28 दिन के अंदर दो बार इस वैक्‍सीन की डोज देने पर 100 फीसदी लोगों में ऐंटीबॉडीज डेवलप हुए।

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