कोरोनावायरस को लेकर अमेरिका कर रहा चीन का भंडाफोड़ करने की तैयारी, वुहान लैब के एक्सपर्ट कर रहे मदद

वॉशिंगटन. कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी। आज इसका कहर देशभर में देखने के लिए मिल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के इस बात को छुपाने के लिए गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उसके खिलाफ जल्द से जल्द कोई ना कोई एक्शन लिया जाएगा। ऐसे में अब मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ट्रंप के मुख्य स्टीव बैनन ने दावा किया है कि चीन के वुहान की लैब के एक्सपर्ट पश्चिमी खुफिया इंटेलिजेंस के साथ मिल गए हैं। उन्होंने कहा है कि इनकी मदद से एजेंसियां पेइचिंग के खिलाफ इस बात का केस तैयार कर रही हैं कि कोरोना वायरस की महामारी वुहान की वायरॉलजी लैब से लीक हुई थी और उसे छिपाना हत्या के बराबर है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 12, 2020 8:25 AM IST
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कोरोनावायरस को लेकर अमेरिका कर रहा चीन का भंडाफोड़ करने की तैयारी, वुहान लैब के एक्सपर्ट कर रहे मदद

मीडिया से बातचीत में बैनन ने यह खुलासा किया है। इससे पहले हॉन्ग-कॉन्ग की एक एक्सपर्ट भी इस बात का आरोप लगाकर वहां से भाग निकली हैं कि कोरोना वायरस के बारे में चीन और WHO को पहले पता चल गया था, लेकिन उन्होंने इसे छिपाकर रखा था।
 

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इसके साथ ही बताया जा रहा है कि बैनन ने पश्चिमी देशों से अपील की है कि वो एक साथ मिलकर चीन के 'क्रूर और सत्तावादी' शासन को हटाने के लिए काम करे। उन्होंने दावा किया है कि चीन से भागे हुए कुछ लोग FBI (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वुहान में क्या हुआ था। 

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उन्होंने दावा किया है कि वो अभी मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन वुहान और दूसरे लैब के लोग पश्चिम से आए हैं और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ सबूत दे रहे हैं। उन्हें लगता है लोग हैरान रहने वाले हैं। बैनन द्वारा ये भी दावा किया जा रहा है कि चीन और हॉन्ग-कॉन्ग से फरवरी के बाद से लोग आ रहे हैं और अमेरिका कानूनी केस तैयार कर रहा है। इसमें वक्त लग सकता है।
 

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अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में शामिल रह चुके बैनन ने कहा कि जासूस इस केस को तैयार कर रहे हैं कि चीन के लैब में SARS-जैसे वायरसों की वैक्सीन और दवा तैयार करने के एक्सपेरिमेंट के दौरान वहां से वायरस लीक हो गया। इसके साथ ही उन्होंने आशंका जताई है कि लैब में ऐसे खतरनाक एक्सपेरिमेंट किए जा रहे थे, जिनकी इजाजत नहीं थी और वायरस किसी इंसान के जरिए या गलती से लैब से बाहर आ गया। 

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रिपोर्ट्स में उन्होंने दावा किया है कि डिफेक्टर्स अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने संभावना जताई है कि खुफिया एजेंसियों के पास इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस है और लैब में जाने वालों की जानकारी है जिससे जरूरी सबूत भी मिले हैं।

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कहा जा रहा है कि बैनन ने ये भी कहा है कि चाहे वायरस वुहान के वेट मार्केट से फैला हो या लैब से निकला हो, इसके फैलने के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने जैसे इसे छिपाया है, वह हत्या के बराबर है। उन्होंने कहा कि ताइवान ने WHO को 31 दिसबंर को बताया था कि हुबेई प्रांत में कई महामारी फैल रही है। 

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पेइचिंग की CDC ने इस बारे में जानकारी छिपाकर अमेरिका के साथ जनवरी में ट्रेड डील करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि अगर वो दिसंबर के आखिरी हफ्ते में सच्चाई बताते तो 95% जानें और आर्थिक नुकसान को बचाया जा सकता था।' बैनन ने दावा किया कि इस बीच चीन ने दुनियाभर का प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट जमा कर लिया।

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