स्पोर्ट्स डेस्क। 1983 के क्रिकेट विश्वकप में युवा कपिल देव की कप्तानी में भारत ने जो किया उस करिश्मे की किसी को उम्मीद नहीं थी। आज ही के दिन यानी 25 जून को फाइनल मैच खेला गया था जिसने भारत में क्रिकेट का नक्शा ही बादल दिया। ध्यान देने वाली बात है कि उस वक्त वेस्टइंडीज, इग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया सरीखी दिग्गज टीमों के सामने भारत की स्थिति बहुत बेहतर नहीं थी। कम से कम किसी ने भी फाइनल तक भारत के अभियान की कल्पना नहीं की होगी। लेकिन एक पर एक मैचों के बाद "अंडरडॉग" भारत ने पहले सेमीफाइनल में इंग्लिश टीम को हराया और अगले मैच में इतिहास रचा।