कभी इस क्रिकेटर की मां के पास नहीं थे रिक्शा के पैसे, 8 km पैदल उठाकर पहुंचाती थी बेटे का भारी बैग

स्पोर्ट्स डेस्क:  ऑस्ट्रेलिया में चल रहे टेस्ट सीरीज के पहले मैच में हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम निशाने पर आ गई थी। लेकिन दूसरे मैच में विजय पाने के बाद अब हर कोई टीम इंडिया की तारीफ कर रही है। खासकर अजिंक्य रहाणे की इस जीत के बाद काफी चर्चा है। कई लोगों ने रहाणे की तुलना धोनी से कर दी। उन्हें भविष्य का कप्तान भी कहा जाने लगा है। आज रहाणे जिस तारीफ को एन्जॉय कर रहे हैं, कुछ समय पहले जब वो टीम इंडिया में जगह बनाने को संघर्ष कर रहे थे, तब उन्होंने अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी कई बातें लोगों से शेयर की थी।  इसमें उन्होंने बताया था कि कैसे बचपन में उनके पास पैसे नहीं थे, तब उनकी मां रिक्शा के पैसे नहीं होने पर पैदल ही उनका भारी बैग लेकर आठ किलोमीटर पैदल जाती थीं। रहाणे स्ट्रगल स्टोरी कई लोगों के लिए मिसाल है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 31, 2020 8:17 AM IST
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कभी इस क्रिकेटर की मां के पास नहीं थे रिक्शा के पैसे, 8 km पैदल उठाकर पहुंचाती थी बेटे का भारी बैग

क्रिकेट के मैदान में पहुंचने के बाद खिलाड़ियों की जिंदगी बदल जाती है। ना सिर्फ क्रिकेट उन्हें शोहरत देता है बल्कि दौलत भी बेसुमार देता है। इनमें से कुछ खिलाड़ियों की जिंदगी क्रिकेट की वजह से फर्श से अर्श तक चली जाती है। ऑस्ट्रेलिया में चल रहे टेस्ट मैच सीरीज के दूसरे मैच में जीत के बाद चमके अजिंक्य रहाणे की जिंदगी भी काफी संघर्षों से भरी है। 

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राइट हैंड के बैट्समैन अजिंक्य रहाणे ने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई बातें लोगों के साथ शेयर की थी। मुंबई के रहने वाले अजिंक्य ने साल 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे नहीं देखा और आज उनकी तुलना कैप्टन कूल धोनी से होने लगी है

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आज जिस मुकाम पर रहाणे पहुंचे हैं, उसका श्रेय वो अपने माता-पिता को देते हैं। एक इंटरव्यू में रहाणे ने अपनी जिंदगी के उन पलों को डिस्क्लोज किया था जब उनके परिवार ने गरीबी देखी थी। इंडिया टुडे ग्रुप को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था  उनकी मां ने गरीबी में भी उन्हें स्पोर्ट्स के प्रति इंट्रेस्ट कम नहीं करने दिया। 
 

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रहाणे ने बताया था कि उनके पास पैसे नहीं थे। साथ ही उनका ट्रेनिंग कैंप घर से आठ किलोमीटर दूर था। ऐसे में उनकी मां गोद में उनके छोटे भाई को उठाकर दूसरे कंधे पर रहाणे का बैग पकड़ कर चलती थीं।

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रहाणे की मां पैदल ही उनका भारी बैग उठाकर मैदान तक जाती थी। उस समय उनके परिवार के पास रिक्शा के पैसे नहीं थे। वो सिर्फ हफ्ते में एक दिन ही  रिक्शे से जा पाते थे। उनका बैग काफी भारी होता था। ऐसे में एक हाथ में बैग और गोद में छोटे भाई को उठाकर उनकी मां मैदान तक जाती थी। 

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इंटरव्यू में रहाणे ने कहा वो आज जिस पोजीशन में  हैं,वो अपने मां-बाप के कारण है। उनके परिवार ने उनके लिए काफी कुछ त्याग किया है। अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए रहाणे ने बताया था कि कैसे उनके पिता सुबह 7 बजे उन्हें स्टेशन तक लेकर आते थे। इसके बाद वो अपने काम के लिए जाते थे। 

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अपने पिता के बारे में रहाणे ने बताया कि जब वो पहली बार ट्रेन से अकेले सफर कर रहे थे तब उनके पिता दूसरे डिब्बे से उनपर नजर रख रहे थे कि रहाणे अकेले ट्रेवल कर सकते हैं या नहीं।  
 

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रहाणे ने बताया कि उनके पेरेंट्स ने कभी उनके करियर में दखल नहीं दिया। उनके परफॉर्मेंस पर सवाल नहीं उठाया। यही वजह है कि वो हमेशा अच्छा परफॉर्म करने के लिए ही खेले हैं। 

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