Birthday Special: कभी 54 गेंदों में खोला खाता तो कभी निकले रोहित से आगे, टेस्ट में यूं चलता है पुजारा का सिक्का
नई दिल्ली. भारतीय टीम की नई दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा शनिवार से 32 साल के हो रहे हैं। पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी शानदार बल्लेबाजी के कारण राहुल द्रविड़ की जगह बहुत जल्दी भर दी। इस खिलाड़ी के अंदर टेस्ट में टिक कर खेलने की काबिलियत है और मुश्किल हालातों में बल्लेबाजी करने का टैलेंट भी। यही वजह है कि इस बल्लेबाज ने बहुत ही कम समय में टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है। पुजारा मुश्किल हालातों में टिककर खेलना जानते हैं तो वहीं जरूरत पड़ने पर रोहित शर्मा से भी तेज बल्लेबाजी कर चुके हैं।
Asianet News Hindi | Published : Jan 24, 2020 5:15 PM IST / Updated: Jan 24 2020, 10:46 PM IST
साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भारतीय टीम मुश्किल हालातों में थी। पुजारा को जल्दी ही बल्लेबाजी के लिए आना पड़ा। उन्होंने टिककर खेलना शुरू किया और 54 गेंदों में अपना खाता खोला था।
दूसरा वाकया 2019 में खेली गई भारत दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज का है। इस मैच में पुजारा पहले धीरे बल्लेबाजी कर रहे थे, पर अफ्रीका के स्पिन गेंदबाज उन्हें परेशान कर रहे थे। इसके बाद पुजारा ने कदमों का इस्तेमाल कर बड़े ॉट खेलना शुरू किया और वो रन बनाने के मामले में रोहित से भी आगे निकल गए। इस मैच में जब पुजारा 8 रन पर थे तब तक रोहित अपने 48 रन पूरे कर चुके थे।
पुजारा कि तूती टेस्ट की ही तरह वनडे और T-20 में नहीं बोलती है। वनडे में पुजारा का रिकॉर्ड बहुत ही बेकार है इसी वजह से उन्हें ज्यादा वनडे मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
पुजारा ने भारत के लिए 5 वनडे मैचों में 51 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका औसत भी 10.20 और सर्वश्रेष्ठ स्कोर 27 रन रहा है।
भारत के लिए 75 टेस्ट खेलने वाले इस बल्लेबाज ने के 49.48 के औसत से 5740 रन बनाए हैं। उनका बेस्ट स्कोर भी नाबाद 206 रन रहा है।
IPL में भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। 30 मैचों में पुजारा ने 20.53 के औसत से 390 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 51 रन रहा है।
पुजारा के बल्लेबाजी का अंदाज हर तरीके से टेस्ट के लायक है। उन्हें गेंद छोड़ने में कोई परेशानी नहीं होती, जबकि शरीर पर आने वाली गेंदों पर रन बनाने से भी नहीं चूकेते हैं। जरूरत पड़ने पर कदमों का उपयोग कर तेज बल्लेबाजी भी करते हैं।
सौराष्ट्र का यह बल्लेबाज उन गिने चुने खिलाड़ियों में से है जिनका औसत घर के बाहर भी शानदार होता है। आमतौर पर भारतीय बल्लेबाज एशियाई पिचों के बाहर कुछ खास नहीं कर पाते हैं।
परिपक्व बल्लेबाज होने के साथ-साथ पुजारा एक अच्छे शॉर्ट लेग फील्डर भी हैं। टेस्ट का अहम खिलाड़ी होने के बावजूद भारतीय टीम उन्हें ही शॉर्ट लेग और लेग गली जैसी पोजीशन पर खड़ा करना पसंद करती है।
भारतीय टीम को टेस्ट में नंबर वन बनाने में इस खिलाड़ी का अहम योगदान है। हर पिच में हर टीम के खिलाफ पुजारा ने रन बनाए हैं और अपना लोहा मनवाया है।