क्या आप जानते हैं 2011 वर्ल्डकप से जुड़े ये मजेदार फैक्ट, युवराज से ज्यादा सफल रहा था श्रीलंका का यह खिलाड़ी
नई दिल्ली. टीम इंडिया को 2011 वर्ल्डकप फाइनल जीते 9 साल हो चुके हैं। आज के दिन ही भारत ने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार वर्ल्डकप का खिताब अपने नाम किया था। इस मैच में श्रीलंका की टीम ने भारत को 275 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसके जवाब में भारत ने 10 गेंद रहते ही 277 रन बनाकर यह मैच 6 विकेट से अपने नाम कर लिया था। भारत के लिए गौतम गंभीर ने 97 रनों की शानदार पारी खेली थी। टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने भी इस मैच में 91 रनों की नाबाद पारी खेली थी और अपनी टीम के लिए विनिंग शॉट भी लगाया था। पर इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान कई रिकॉर्ड भी बने जिनकी तरफ आमतौर पर हमारा ध्यान नहीं जाता है। इस जीत के 9 साल बाद हम आपको बता रहे हैं, इस वर्ल्डकप से जुड़े 10 मजेदार फैक्ट।
मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाले युवराज सिंह आमतौर पर अपनी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, पर इस टूर्नामेंट में वो बतौर गेंदबाज ज्यादा सफल रहे थे। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 15 विकेट निकाले थे और 362 रन बनाए थे।
श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान इस टूर्नामेंट में युवराज से भी आगे रहे थे। उन्होंने 500 रन बनाने के अलाव 8 विकेट भी निकाले थे।
इस वर्ल्डकप में आयरलैंड के केविन ओ ब्रायन ने सबसे तेज पारी खेली थी। उन्होंने 113 रन बनाए थे, पर टीम के स्कोर में उनका योगदान सिर्फ 17 फीसदी ही था। वहीं साउथ अफ्रीका के डिविलियर्स ने 107 रन बनाए थे और टीम के स्कोर में उनका योगदान 24 फीसदी था। इस लिहाज से डविलियर्स की पारी केविन ओ ब्रायन से बेहतर थी।
इस टूर्नामेंट में एक बेहतरीन पारी खेलकर आयरलैंड के केविन ओ ब्रायन अपने देश के पोस्टर ब्वाय बन गए थे और उन्होंने जमकर तारीफ बटोरी थी। हालांकि उनके भाई नील ओ ब्रायन ने पूरे टूर्नामेंट में उनसे ज्यादा भरोसेमंद बल्लेबाजी की और उनसे 7 रन ज्यादा भी बनाए थे।
यह टूर्नामेंट शुरू होने से पहले न्यूजीलैंड की टीम 0-4 से बांग्लादेश से हार गई थी। इस समय किसी को अंदाजा भी नहीं था कि यह टीम नॉकआउट तक पहुंचेगी, पर कीवी टीम ने सेमीफाइनल खेलकर सभी को चौका दिया था।
टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने भी यह वर्ल्डकप खेला था, पर किसी का ध्यान उनकी तरफ नहीं गया। विराट इस टूर्नामेंट के गुमनाम हीरो रहे थे। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ शतकीय पारी भी खेली थी।
इंग्लैंड के रवि बोपारा ने जोनाथन ट्रॉट ने 5 बार अपनी टीम को संकट से निकाला था। इन दोनों खिलाड़ियों की पारियों की बदौलत इंग्लिश टीम ने बांग्लादेश को हराया था और भारत के साथ मैच टाई कराया था।
इंग्लैंड के जॉनाथन ट्रॉट ने इस टूर्नामेंट में अपनी टीम के लिए शानदार बल्लेबाजी की थी। वो टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में भी शामिल थे। वो इस लिस्ट में चौथे नंबर पर थे।
कनाडा के लिए खेलने वाले हरवीर सिंह को टूर्नामेंट का सबसे प्रभावी गेंदबाज माना गया था। वो मूल रूप से चंडीगढ़ के रहने वाले हैं।
लक्ष्य का पीछा करने के मामले में भारत के गौतम गंभीर, विराट कोहली, युवराज सिंह, धोनी और रैना को सबसे सक्षम खिलाड़ी माना गया। इस सूची में सचिन और सहवाग जैसे दिग्गजों का नाम नहीं था।