पिता लगाते थे सब्जी का ठेला, अब IPL के बाद बेटा मचाएगा टी20 वर्ल्डकप में धमाल

स्पोर्ट्स डेस्क : 'खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है?' यह शेर सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के सबसे तेज बॉलर उमरान मलिक (Umran Malik) पर बिल्कुल सटीक बैठता है। जम्मू कश्मीर से निकले 22 साल की इस खिलाड़ी ने अपने हौसलों को इतना बुलंद रखा कि, ना सिर्फ इस बार उन्हें आईपीएल 2021 (IPL2021) में खेलने का मौका मिला, बल्कि T20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) में भी अब ये सितारा चमकने वाला है। हाल ही में उमरान ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ आईपीएल 2021 की सबसे तेज गति की गेंद फेंकी थी। इसके बाद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस खिलाड़ी को 17 अक्टूबर से शुरू होने वाले t20 वर्ल्ड कप में बतौर नेट्स गेंदबाज के रूप में चुना गया है। आइए आज आपको बताते हैं इस खिलाड़ी के संघर्ष और कैसे उन्होंने जम्मू कश्मीर से लेकर दुबई तक का सफर पूरा किया...

Asianet News Hindi | Published : Oct 10, 2021 3:22 AM IST / Updated: Oct 10 2021, 08:55 AM IST
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पिता लगाते थे सब्जी का ठेला, अब IPL के बाद बेटा मचाएगा टी20 वर्ल्डकप में धमाल

आईपीएल 2021 में सनराइजर्स हैदराबाद का सफर भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन टीम के सबसे तेज गेंदबाज उमरान मलिक को आईपीएल से अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा मिला है। 
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आईपीएल की दूसरे चरण में टी नटराजन के कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें रिप्लेसमेंट के रूप में टीम में शामिल किया गया। उमरान मलिक ने ना सिर्फ अपनी गेंदबाजी से सबको इंप्रेस किया, बल्कि अब उन्हें t20 वर्ल्ड कप में बतौर नेट्स गेंदबाज खेलने का मौका भी दिया गया है।
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उमरान मलिक ने आइपीएल 2021 के दूसरे चरण में कुल 3 मैच खेले हैं और 2 विकेट अपने नाम किए हैं। 6 अक्टूबर को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के साथ हुए मैच में उमरान मलिक ने अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया और आईपीएल 2021 की सबसे तेज गति की गेंद फेंकी। उनकी बॉल की रफ्तार 152.95 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। इसके साथ ही इस मैच में उन्होंने केएस भरत का महत्वपूर्ण विकेट भी झटका।
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जम्मू कश्मीर से निकला के खिलाड़ी आज पूरी दुनिया में हीरा बनकर चमक रहा है, लेकिन उनका क्रिकेटर बनने का सपना इतनी आसानी से पूरा नहीं हुआ। उमरान के पिता अब्दुल राशिद सब्जी और फल बेचा करते थे, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी गरीबी को अपने बेटे के सपनों के आड़े नहीं आने दिया।
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वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा कभी भी सब्जी बेचे, इसीलिए उन्होंने अपने बेटे को क्रिकेट खेलने भेजा। बेटे ने भी कड़ी मेहनत और लगन से अपने पिता के सपने को पूरा किया और क्रिकेट में अपनी जगह बनाई। 
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उमरान के घर में उनकी दो बड़ी बहनें भी है, जो बताती हैं कि उमरान को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। वह जब छोटे थे तब गलियों के बच्चों के साथ क्रिकेट खेला करते थे। उमरान के क्रिकेट के प्रति लगाव को देखने के बाद ही 17 साल की उम्र में उनके पिता ने मौलाना आजाद क्रिकेट स्टेडियम कोचिंग सेंटर में कोच रणधीर सिंह के पास उन्हें भेजना शुरू कर दिया।
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उमरान की स्पीड देखने के बाद उनका अंडर-19 टीम में सिलेक्शन हो गया। वह बताते हैं कि जब वह अंडर-19 का ट्रायल देने गए तो वह जॉगर शूज पहनकर गेंदबाजी कर रहे थे, क्योंकि इनके पास स्पाइक शूज नहीं थे। इसके बाद उनके एक दोस्त ने उन्हें स्पाइक शूज दिए।
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2018 से लगातार क्रिकेट खेलने के बाद उन्हें अंडर-23, रणजी और विजय हजारे ट्रॉफी में भी खेलने का मौका मिला और इस साल उन्हें बतौर नेट्स गेंदबाज सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में शामिल किया गया, लेकिन टी नटराजन के कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद उन्हें यह सुनहरा मौका मिला। उमरान ने इस मौके को खूब भुनाया।
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