15 साल की उम्र में जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो उन्हे कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अपने गांव में जब झूलन ने लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने जाती, तब बच्चे उनका मजाक उड़ाया करते थे। वे उन्हें गेंदबाजी नहीं करने देते थे क्योंकि वह बहुत धीमी गति से गेंद फेंका करती थीं।