आज के दिन ही पैदा हुए थे इंडिया के कैलिस, बिना कोई छक्का लगाए ठोक दिए थे 2 शतक, जयसूर्या ने खत्म किया करियर
नई दिल्ली. टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर 57 साल के हो चुके हैं। गाजियाबाद के इस क्रिकेटर ने साल 1984 में अपना वनडे मैच खेला था। कपिलदेव जैसे दिग्गज की मौजूदगी में इस खिलाड़ी ने बल्ले और गेंद दोनों के साथ भारत की पारी की शुरुआत की। प्रभाकर ने भारत के लिए 39 टेस्ट खेले और इनमें से 21 मैचों में उन्होंने ओपनिंग करने के साथ साथ भारत के लिए पहला ओवर भी डाला। दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर जैक्स कैलिस अपनी इसी प्रतिभा के लिए जाने जाते थे। उन्होंने लंबे समय तक अफ्रीका के लिए गेंद और बल्ले के साथ पारी की शुरुआत की थी। वनडे में भी उन्होंने 1858 रन बनाए, 2 शतक भी ठोके पर एक भी छक्का नहीं लगाया। हालांकि ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी का करियर बहुत ही खराब तरीके से खत्म हुआ। प्रभाकर ने टीम के कप्तान कपिलदेव पर फिक्सिंग के आरोप लगाए और तहलका पत्रिका के साथ मिलकर स्टिंग ऑपरेशन भी किया और बाद में उन्हीं पर फिक्सिंग के आरोप लग गए। इसके बाद BCCI ने उनके ऊपर बैन लगा दिया था, जिसे 6 साल बाद हटा दिया गया।
मनोज प्रभाकर ने भारत के लिए 39 टेस्ट, 130 वनडे और 154 फर्स्ट क्लास मैच खेले। उन्होंने 8 अप्रैल 1984 को श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया था।
मौजूदा समय में भारतीय टीम भले ही अच्छे फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडरों की कमी से जूझ रही है, पर उस दौर में मनोज प्रभाकर भारत के लिए गेंद और बल्ले दोनों चीजों के साथ पारी की शुरुआत करते थे।
प्रभाकर ने अपने करियर में सिर्फ 4 छक्के लगाए. जबकि वो भारत के लिए पारी की शुरुआत करते थे।
प्रभाकर ने कई बड़े भारतीय खिलाड़ियों पर फिक्सिंग का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में ही मैच फिक्स होते थे।
उन्होंने तहलका पत्रिका के साथ मिलकर कई बड़े खिलाड़ियों का स्टिंग ऑपरेशन भी किया था। हालांकि बाद में वो खुद इन्हीं आरोपों में फंस गए थे।
साल 2000 में BCCI ने मनोज प्रभाकर के ऊपर बैन लगा दिया था।
करीबन 6 साल बाद प्रभाकर के ऊपर से बैन हटाया गया पर इससे पहले ही साल 1996 में उनका करियर खत्म हो चुका था।
प्रभाकर ने मशहूर एक्ट्रेस फरहीन के साथ चुपचाप शादी कर ली थी। इसके बाद फरहीन दिल्ली में ही रहने लगी थी।
फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद प्रभाकर ने साल 1996 में कांग्रेस की सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, पर हार गए थे।
उन्होंने 32 साल की उम्र में ही क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। दरअसल प्रभाकर की गेंदों पर श्रीलंका के जयसूर्या ने बहुत रन बनाए थे, जिसके बाद उन्होंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू कर दी थी और अगले मैच में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। इस घटना के बाद प्रभाकर ने संन्यास ले लिया था।