आखिर क्यों अपने हेलमेट पर नेशनल फ्लैग का साइन नहीं लगाते थे धोनी, जानें इसके पीछे क्या है बड़ी वजह

स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 7 जुलाई को अपना 40वां जन्मदिन (MS Dhoni Birthday) मना रहे हैं। एमएस धोनी दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं। वह क्रिकेट के इतिहास में आईसीसी की सभी ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में, भारत ने 2007 ICC वर्ल्ड T20, 2010 और 2016 एशिया कप, 2011 ICC क्रिकेट विश्व कप और 2013 ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीती। लेकिन धोनी की कप्तानी के दौरान एक चीज बहुत से लोगों ने नोटिस की होगी, कि वह अपने हेलमेट पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज का चिन्ह नहीं लगाते थे। आखिर क्यों उन्होंने अपने हेलमेट से फ्लैग का साइन हटवा दिया था, आइए आपको बताते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 7, 2021 4:13 AM IST
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आखिर क्यों अपने हेलमेट पर नेशनल फ्लैग का साइन नहीं लगाते थे धोनी, जानें इसके पीछे क्या है बड़ी वजह

40 के हुए माही
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 में झारखंड के रांची में एक मीडिल क्लास राजपूत परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम पान सिंह और देवकी देवी हैं। धोनी का क्रिकेटर बनने का सफर बिल्कुल आसान नहीं था, एक गरीब परिवार में जन्मे धोनी ने शुरुआती दिनों से ही काफी संघर्ष किया था। ट्रेन में टीटी का काम करने के बाद उनका भारतीय टीम में सिलेक्शन हुआ। 

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14 साल तक रहे भारतीय टीम का हिस्सा
एमएस धोनी ने 2004 में बांग्‍लादेश के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्‍यू किया था। अपने 5वें वनडे मैच में पाकिस्तान के खिलाफ पहली बार नंबर 3 पर मिला मौका और विशाखापत्तनम के मैदान पर धोनी ने 123 गेंदों में ठोके 148 रन। नवंबर 2008 में धोनी भारत के टेस्ट कप्तान बने। इसके बाद 2020 में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 

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दुनिया के सबसे सफल कप्तान बने धोनी
महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने कई मुकाम हासिल किए। उन्होंने अपनी टीम को 2007 ICC वर्ल्ड T20, 2010 और 2016 एशिया कप, 2011 ICC क्रिकेट विश्व कप और 2013 ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीताने में अहम भूमिका निभाई।

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हेलमेट पर नेशनल फ्लैग का साइन नहीं लगाते धोनी
आप सोच रहे होंगे कि क्या धोनी के लिए दिल में देश के लिए इज्जत नहीं है, इसलिए उन्होंने अपने हेलमेट से राष्ट्रीय ध्वज का साइन हटवाया? लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। धोनी ने अपने झंडे की इज्जत के लिए ही ऐसा करने का फैसला लिया था। 

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क्या है बड़ी वजह
एक विकेटकीपर को अक्सर हेलमेट को नहीं पहनने पर फील्ड पर ही जमीन पर रखना पड़ता है। एक राष्ट्रीय ध्वज देश के सम्मान का प्रतीक है, इसलिए इसे जमीन पर नहीं रखा जा सकता, कानून भी यही कहता है। धोनी भी राष्ट्रीय के सम्मान के लिए ऐसा करते थे, क्योंकि वह कप्तान के साथ विकेटकीपर भी थे और अक्सर जमीन पर हेलमेट रखकर कीपिंग किया करते थे। 

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15 अगस्त 2020 को लिया संन्यास 
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पिछले साल 15 अगस्त के दिन ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शाम 7 बजकर 30 मिनट पर इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया था।

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ऐसा रहा धोनी का क्रिकेट करियर
महेंद्र सिंह धोनी की क्रिकेट करियर की बात की जाए, तो उनके आकंडे जादुई है। उन्होंने भारत के लिए 90 टेस्ट, 350 वनडे 98 टी20 इंटरनेशनल खेले हैं। जिसमें से टेस्ट में उनके नाम 4876, वनडे में 10773 और टी20 इंटरनेशनल में उनके नाम 1617 रन है। इसके साथ ही आईपीएल के 211 मैचों में उनके नाम 4669 रन दर्ज है।

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