भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज में क्या कुछ रहा खास, कौनसे बने रिकॉर्ड और किन खिलाड़ियों ने मैच में छोड़ी छाप, देखिए एक क्लिक में....
टीम इंडिया (Team India) ने न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम (New Zealand Cricket Team) को मुंबई में खेले गए टेस्ट सीरीज के दूसरे और अंतिम मैच में 372 रनों के विशाल अंतर से हराकर इतिहास रचा। ये भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास की रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत रही। इससे पहले भारत की टेस्ट मैचों में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत 337 रनों की थी जो उसने 3 दिसंबर, 2015 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ दिल्ली में दर्ज की थी।
भारत में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम की पिछले आठ मैचों में ये 7वीं जीत रही। बतौर टेस्ट कप्तान कोहली की ये 39वीं जीत रही। इसके अलावा न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत में बतौर कप्तान कोहली की ये लगातार चौथी जीत रही।
टेस्ट मैचों में रनों के लिहाज से भारत की 5 सबसे बड़ी जीत:
372 रन खिलाफ न्यूजीलैंड, मुंबई 2021
337 रन खिलाफ साउथ अफ्रीका, 2015
321 रन खिलाफ न्यूजीलैंड, इंदौर 2016
320 रन खिलाफ ऑस्ट्रेलिया, मोहाली 2008
318 रन खिलाफ वेस्टइंडीज, नोर्थ साउंड, 2019
अश्विन ने न्यूजीलैंड की दूसरी के अंतिम विकेट हैनरी निकोल्स को आउट करने के साथ ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। अश्विन ने भारतीय सरजमीं पर अपने 300 टेस्ट विकेट पूरे किए। वे भारत में 300 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। अश्विन से पहले भारत की ओर से सिर्फ पूर्व टीम इंडिया के पूर्व टेस्ट कप्तान अनिल कुंबले ये कारनामा अंजाम दे सके। इसके साथ ही अश्विन टेस्ट क्रिकेट में अपने ही देश में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले छठवें गेंदबाज बन गए।
भारत में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज:
350 विकेट - अनिल कुंबले
300 विकेट - आर. अश्विन
265 विकेट - हरभजन सिंह
भारत और न्यूजीलैंड के बीच दो टेस्ट मैचों की यह सीरीज न्यूजीलैंड के स्पिनर एजाज पटेल (Ajaz Patel) के लिए जीवनभर की याद बन गया। मुंबई टेस्ट की पहली पारी में सभी 10 भारतीय बल्लेबाजों को आउट कर उन्होंने इतिहास रच दिया। वे टेस्ट क्रिकेट में किसी एक पारी के दौरान सभी 10 विकेट लेने वाले वर्ल्ड क्रिकेट के तीसरे गेंदबाज बने। इस मैच में एजाज ने 119 रन देकर पूरी भारतीय क्रिकेट टीम को अकेले ही आउट कर दिया।
टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एजाज से पहले इन्होंने किया ये कारनामा:
इंग्लैंड के पूर्व ऑफ स्पिनर जिम लेकर क्रिकेट इतिहास के पहले खिलाड़ी थे, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी। 1956 में मैनचेस्टर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने एक पारी में 10 विकेट चटकाए थे। इसके बाद भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान अनिल कुंबले ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली टेस्ट मैच 74 रन देकर पूरी टीम को आउट किया था। खास बात ये है कि टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सभी दस विकेट लेने वाले तीनों गेंदबाज स्पिनर ही रहे।
मुंबई से जुड़ी हैं एजाज की जड़ें:
एक ही पारी में सभी 10 भारतीय बल्लेबाजों को आउट करने वाले एजाज पटेल के मुंबई से गहरा नाता रहा है। उनका जन्म मुंबई में ही 21 अक्टूबर, 1988 को हुआ था। जब वे केवल 8 साल के थे तो उनका परिवार भारत से न्यूजीलैंड जाकर बस गया। क्रिकेट के प्रति उनका लगाव बचपन से ही रहा। न्यूजीलैंड में वे काफी सालों से क्लब क्रिकेट खेल रहे हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वे संयोगवश क्रिकेटर बन गए। मैच से पहले उन्होंने कहा था कि वे खुद को काफी खुशकिस्मत मानते हैं कि वे मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेलने जा रहे हैं। भारतीय टीम के खिलाफ खेलना भी उनके लिए बड़ी उपलब्धि है।
भारत के खिलाफ न्यूनतम स्कोर पर ढेर हुआ न्यूजीलैंड:
भारत ने न्यूजीलैंड को मुंबई टेस्ट की पहली पारी में केवल 62 रन पर समेट दिया था। ये न्यूजीलैंड का भारत के खिलाफ टेस्ट मैचों में न्यूनतम स्कोर है। इससे पहले न्यूजीलैंड ने भारत के खिलाफ 2002 के हैमिल्टन टेस्ट मैच में 94 रन बनाए थे।
टेस्ट मैचों में न्यूजीलैंड के न्यूनतम स्कोर (भारत के खिलाफ):
62 रन, मुंबई 2021
94 रन, हैमिल्टन 2002
100 रन, वेलिंग्टन 1981
अश्विन ने सीरीज में चटकाए 14 विकेट:
न्यूजीलैंड के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले आर. अश्विन को 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' के अवार्ड से नवाजा गया। अश्विन ने 2 टेस्ट मैचों की इस सीरीज में कुल 14 विकेट हासिल किए। कानपुर में खेले गए मैच पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में भी 3 विकेट चटकाए थे। इसके बाद मुंबई में खेले गए सीरीज के दूसरे और अंतिम टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 4 और दूसरी पारी में भी 4 विकेट हासिल किए।
ये कारनामा करने वाले 14वें भारतीय बने मयंक अग्रवाल:
भारतीय क्रिकेटर मयंक अग्रवाल के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ यह सीरीज यादगार रही। मुंबई टेस्ट की पहली पारी में मयंक ने 150 रनों की पारी खेली थी। वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 62 रन बनाए। वे पहली पारी में 150 से ऊपर का स्कोर और दूसरी पारी में अर्धशतक जमाने वाले 14वें भारतीय खिलाड़ी बनें। कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट में मयंक का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। उस मैच की पहली पारी में उन्होंने 13 रन और दूसरी पारी में 17 रन बनाए थे।
टेस्ट क्रिकेट में 132 साल बाद हुआ ऐसा:
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पूरे 132 साल बाद ऐसा देखने को मिला जब दो टेस्ट मैचों की सीरीज में दोनों टीमों ने दो-दो कप्तान बदले। दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत और न्यूजीलैंड ने अलग-अलग कप्तान मैदान में उतारे। कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत की ओर से जहां अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने कमान संभाली थी तो वहीं न्यूजीलैंड की ओर से केन विलियमसन (Kane Williamson) कप्तान थे। मुंबई टेस्ट में विराट कोहली (Virat Kohli) भारतीय टीम की कमान संभाली। वहीं न्यूजीलैंड की ओर से टॉम लॉथम (Tom Latham) ने टीम की कप्तानी की।
टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार वर्ष 1889 में हुआ था। तब इंग्लैंड क्रिकेट टीम (England Cricket Team) और साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम (South Africa Cricket Team) की टीमों ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज में दो-दो कप्तान बदले थे। मतलब दोनों टीमों ने हर मैच में नया कप्तान मैदान में उतारा। इंग्लैंड की ओर से ऑब्रे स्मिथ और मोंटी बोडेनहई ने टीम की कमान संभाली थी तो वहीं साउथ अफ्रीका की ओर से ओवने डुनेल और विलियम मिल्टन बतौर कप्तान मैच में उतरे थे।
फिर विवादों में पड़े अश्विन:
भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) और विवादों का नाता क्रिकेट में काफी पुराना है। ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि अश्विन किसी मैच में खेल रहे हों और किसी विवाद का हिस्सा ना बनें। न्यूजीलैंड (New Zealand) के खिलाफ मुंबई में खेले गए टेस्ट सीरीज (Test Series) के दूसरे मैच में एक बार फिर वे विवाद का हिस्सा बन गए। इस बार तो वे एक कदम आगे ही निकल गए। उन्होंने बोल्ड आउट होने के बावजूद अंपायर पर दबाव बनाने के लिए रिव्यू ले लिया। हालांकि उनकी ये चतुराई उनके किसी काम नहीं आई और उन्हें आउट होकर मैदान से बाहर जाना पड़ा।
अश्विन के इस प्रकार बोल्ड होने पर रिव्यू लेने के बाद एक नई बहस छिड़ सकती है। खैर ये तो रही मुंबई टेस्ट मैच की बात इससे पहले कानपुर में खेले गए में भी अश्विन का बर्ताव काफी हैरान करने वाला था। अश्विन ने मैच में अंपायर के साथ कई बार बहस की। अश्विन मैच में बार-बार अंपायर के आगे आकर गेंदबाजी कर रहे थे। अंपायर ने उन्हें कई बार ऐसा करने से मना भी किया लेकिन अश्विन नहीं माने। इस मामले में अंत में कप्तान अजिंक्य रहाणे और कोच राहुल द्रविड़ ने आकर बीच-बचाव किया था।
रचिन रवींद्र का पहला टेस्ट शिकार बने शुभमन गिल:
रचिन रवींद्र ने शुभमन गिल के रूप में मुंबई टेस्ट में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट विकेट हासिल किया। भारत के खिलाफ मुंबई टेस्ट मैच में उन्होंने दूसरी पारी में 3 भारतीय बल्लेबाजों को आउट किया। रचिन ने इस सीरीज में गेंद और बल्ले दोनों के अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है। कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में मैच के अंत तक बल्लेबाजी कर अपनी टीम की हार टाली थी और मैच ड्रॉ करवाया था।
सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के नाम से मिलकर बना रचिन:
रचिन के पिता रवि कृष्णमूर्ति भारतीय क्रिकेटर्स सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के बहुत बड़े फैन थे। उन्होंने इन्हीं दोनों के नाम पर अपने बेटे का नाम रचिन रखा था। राहुल के नाम से Ra और सचिन के नाम से Chin को मिलाकर बन गया रचिन (Rachin)। रचिन के पिता न्यूजीलैंड में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम कर रहे हैं। वे 90 के दशक में न्यूजीलैंड बस गए थे। रचिन का जन्म भी न्यूजीलैंड में ही हुआ था। इतना ही नहीं रचिन के पिता ने न्यूजीलैंड में एक क्रिकेट क्लब की भी स्थापना की थी।
विराट टेस्ट मैचों में बतौर कप्तान 10वीं बार शून्य पर आउट:
मुंबई टेस्ट मैच की पहली पारी में विराट भले ही अंपायर की गलती से शून्य पर आउट हुए हों, लेकिन उनके नाम एक अनचाह रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। वे टेस्ट क्रिकेट में 14वीं बार शून्य पर आउट हुए। वहीं बतौर कप्तान वे टेस्ट क्रिकेट में 10वीं बार शून्य के स्कोर पर आउट हुए। न्यूजीलैंड के खिलाफ वे पहली बार शून्य पर आउट हुए।
टेस्ट मैचों में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले विराट वर्ल्ड क्रिकेट के संयुक्त रूप से दूसरे कप्तान बन गए। साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ भी टेस्ट मैचों में 10 बार शून्य पर आउट हो चुके हैं। वैसे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग के नाम दर्ज है, वे 13 बार शून्य पर आउट हुए।
बतौर कप्तान टेस्ट मैचों में शून्य पर आउट होने वाले खिलाड़ी:
13 स्टीफन फ्लेमिंग (न्यूजीलैंड)
10 ग्रीम स्मिथ (साउथ अफ्रीका)
10 विराट कोहली (भारत)
8 माइकल आर्थटन (इंग्लैंड)
8 हैंसी क्रोन्ये (साउथ अफ्रीका)
8 महेंद्र सिंह धोनी (भारत)