MI ने जीते सबसे ज्यादा मैच तो CSK का जीत प्रतिशत सबसे बेहतर, IPL में कुछ ऐसा रहा है सभी टीमों का सफर
नई दिल्ली. IPL में अब तक कुल 12 सीजने खेले जा चुके हैं और हर बार क्रिकेट की सबसे बड़ी लीग का रोमांच बढ़ता जाता है। मुंबई की टीम ने सबसे ज्यादा 4 बार टूर्नामेंट जीता है तो चेन्नई का विनिंग प्रतिशत बाकी सभी टीमों से बेहतर है। IPL के 12 सीजन में अब तक कुल 13 टीमों ने हिस्सा लिया है। किसी टीम ने हर सीजन में शानदार प्रदर्शन किया तो कोई टीम अपना अंडरडॉग्स का टैग नहीं खत्म कर सकी। इस दौरान मंबई की टीम सबसे सफल टीम रही है, जिसने अब तक टूर्नामेंट में 107 मैच जीते हैं।
IPL में हिस्सा लेने वाली 13 टीमों में सिर्फ 8 टीमें ही मौजूदा समय में खेलती हैं। हालांकि, किसी भी सीजन में ये सभी 13 टीमें साथ में नहीं खेली थी।
चेन्नई सुपरकिंग्स का जीत प्रतिशत बाकी सभी टीमों से बेहतर है। 165 मैच खेलने वाली चेन्नई ने 100 मैचों में जीत हासिल की है, जबकि 63 में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहले दिल्ली डेयरडेविल्स के नाम से भी जानी जाती थी। टीम ने नाम से लेकर कप्तान और खिलाड़ी तक सब कुछ बदल लिया, पर अभी तक एक भी बार IPL की ट्राफी नहीं जीत पाई है। दिल्ली ने कुल 177 मैच खेले हैं। इसमें से 76 में उसे जीत मिली है और 97 में टीम को हार का सामना करना पड़ा है।
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम भी किसी भी सीजन में कमाल नहीं कर पाई है। 176 मैच खेलने वाली पंजाब ने 80 मैच जीते हैं 94 में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
2 बार खिताब पर कब्जा करने वाली कोलकाता ने 178 मैच खेले हैं और 92 में जीत हासिल की है, जबकि 83 में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
सबसे ज्यादा 4 बार खिताब पर कब्जा करने वाली मुंबई ने कुल 187 मैच खेले हैं और 107 मैच जीते हैं। 78 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
राजस्थान रॉयल्स ने भले ही टूर्नामेंट का पहला खिताब जीता हो, पर इसके बाद यह टीम कुछ खास नहीं कर सकी। 147 मैच खेलने वाली राजस्थान ने 73 मैच जीते हैं और 69 में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
हमेशा ही सितारों से सजी रहने वाली बेंगलुरू की टीम ने 181 मैच खेले हैं। इनमें से 83 मैच में उसे जीत मिली है, जबकि 92 में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
2013 में डेक्कन चार्जस की जगह लेने वाली हैदराबाद ने कुल 108 मैच खेले हैं। इसमें से 57 मैच में उन्हें जीत मिली है, जबकि 49 मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
2012 में अपना आखिरी सीजन खेलने वाली डेक्कन की टीम ने 75 में से 29 मैच जीते थे, जबकि 46 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा था।
सबसे पहले IPL से बाहर होने वाली टीम कोच्ची टस्कर्स ने सिर्फ 14 मैच ही खेले थे और 6 मैचों में उसे जीत मिली थी और 8 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
2011 से 13 तक IPL का हिस्सा बनने वाली पुणे वारियर्स ने कुल 46 मैच खेले हैं। इनमें से सिर्फ 12 मैचों में ही उसे जीत मिली है और 33 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
गुजरात लायंस की टीम 2 साल के लिए IPL का हिस्सा बनी थी। इस टीम ने 30 मैच खेलकर 13 मैच जीते थे और 16 में उसे हार का सामना करना पड़ा था।
IPL में धोनी ने चेन्नई के अलावा पुणे के लिए भी कप्तानी की है। इस टीम ने भी 30 मैच खेलकर 15 जीते थे और 15 में ही उसे हार का सामना करना पड़ा था।