दरअसल, 1978 में यशपाल जब अपने करियर के शुरुआती दौर में पंजाब टीम की तरफ से रणजी ट्रॉफी का मैच खेल रहे थे, तो दिलीप कुमार वह मैच देखने आए थे। उनकी बैटिंग के बाद दिलीप कुमार उनसे मिलने पहुंचे और कहा कि तुम बहुत अच्छा खेलते हो। इसके बाद उन्होंने बीसीसीआई में राजसिंह डुंगरपुर से बात की और यशपाल शर्मा को भारतीय टीम में जगह मिली।