5 साल में बढ़ गई केजरीवाल की प्रॉपर्टी, मगर CM के डिप्टी सिसोदिया हो गए इतने ''गरीब''
नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में नामांकन के बाद उम्मीदवारों के संपत्ति को लेकर खुलासे हो रहे हैं। दरअसल, नामांकन के दौरान हलफनामे में उम्मीदवार अपनी संपत्ति का खुलासा करते हैं। उम्मीदवार चुनाव आयोग को जानकारी देते हैं कि उनके पास कितनी संपत्ति है। हलफनामे में दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की संपत्ति का पता चला है।
Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2020 11:57 AM IST / Updated: Jan 24 2020, 12:52 PM IST
नामांकन के दौरान दाखिल हलफनामे के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की संपत्ति पांच साल में बढ़ गई। जबकि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की घट गई। केजरीवाल के पास 3.4 करोड़ रुपये की संपत्ति है और साला 2015 से इसमें 1.3 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। 2015 में केजरीवाल की कुल संपत्ति 2.1 करोड़ रुपये की थी।
केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के पास 2015 में नकदी और सावधि जमा (एफडी) 15 लाख रुपये की थी जो 2020 में बढ़कर 57 लाख रुपये हो गया। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लाभ (वीआरएस) के तौर पर सुनीता केजरीवाल को 32 लाख रुपये और एफडी मिले बाकि उनका बचत धन है।
भाव में बढोतरी के कारण हुई वृद्धि मुख्यमंत्री के पास नकदी और एफडी 2015 में 2.26 लाख रुपये की थी जो 2020 में बढ़कर 9.65 लाख हो गयी। केजरीवाल की पत्नी की अचल संपत्ति के मूल्यांकन में कोई बदलाव नहीं हुआ है जबकि केजरीवाल की अचल संपत्ति 92 लाख रुपये से बढ़कर 177 लाख रुपये हो गयी। पार्टी के पदाधिकारियों ने बताया कि 2015 में केजरीवाल की जितनी अचल संपत्ति थी, उसके भाव में बढोतरी के कारण यह यह वृद्धि हुई है।
वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की चल-अचल संपत्ति का मूल्य में 17,736 रुपये की गिरावट आई है। चुनाव आयोग के साथ दायर हलफनामे के अनुसार 16 जनवरी, 2020 में उनकी चल संपत्ति 4,74,888 रुपये थी, जो 18 जनवरी, 2015 को 4,92,624 रुपये हो गई। जबकि उनकी पत्नी की संपत्ति 2015 में 8.70 लाख रुपये से बढ़कर 2020 में 65 लाख रुपये हो गई।
मनीष सिसोदिया ने जुलाई 2018 में बताया था कि उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया ने मयूर विहार फेज -2 में 65 लाख रुपये में एक संपत्ति खरीदी थी जिसकी वजह से उनकी पत्नी के संपत्ति में बढ़ोतरी हुई है।