चन्नी पार्टी में काम करते रहे। कभी पद नहीं मांगा। यहां तक की सीएम बनने के बाद भी वह लगातार काम ही करते रहे। सिद्धू ने हर संभव कोशिश की कि वह खुद को सीएम फेस की तरह प्रोजेक्ट कर सके। दावा मजबूत करने के लिए पंजाब मॉडल ले आए। इसके चक्कर में सिद्धू ने कांग्रेस के भीतर सबको विरोधी बना दिया। वह नेता भी, जो सिद्धू को प्रधान बनाने के लिए कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ हो गए थे। जब सिद्धू की दावेदारी से ऐसा लगा कि कांग्रेस में कोई दूसरा चेहरा नहीं तो मौका देख चन्नी ने रैलियों में 111 दिन के बाद पूरे 5 साल मांगने शुरू कर दिए। राहुल गांधी के सामने भी चन्नी ने सिर्फ दावा ही नहीं ठोका, बल्कि सिद्धू को नसीहत देकर एकजुटता का संदेश भी दे डाला।