Fact Check: क्या कंप्यूटर का विरोध करने बैलगाड़ी पर संसद गए थे अटल बिहारी? जानें वायरल तस्वीर का सच

फैक्ट चेक डेस्क. Atal bihari Vajpayee Go Parliament On Bullock Cart Fact Check:  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal bihari Vajpayee) की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वे बैलगाड़ी (Bullock Cart) पर बैठे नजर आ रहे हैं। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि इस तरह बैलगाड़ी पर बैठकर वाजपेयी, राजीव गांधी (Rajeev gandhi) के भारत में कंप्यूटर (Computer)  लाने का विरोध करने के लिए संसद पहुंचे थे। इंडियन एयरफोर्स के पूर्व पायलट और कॉलमनिस्ट ने ये तस्वीर शेयर की है जो बहुत ज्यादा वायरल हो चुकी है। 

 

फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर तस्वीर और दावों का सच क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : Jul 12, 2020 11:05 AM IST / Updated: Jul 12 2020, 04:40 PM IST
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Fact Check: क्या कंप्यूटर का विरोध करने बैलगाड़ी पर संसद गए थे अटल बिहारी? जानें वायरल तस्वीर का सच

वायरल पोस्ट क्या है? 

 

इंडियन एयरफोर्स के पूर्व पायलट और कॉलमनिस्ट राजीव त्यागी ने यह तस्वीर शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा है, जिसका हिंदी अनुवाद होगा, “...तस्वीर में देखा जा सकता है कि उनके 'श्रेष्ठ' वाजपेयी बैलगाड़ी से संसद में प्रवेश कर रहे हैं।

 

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वे राजीव गांधी के भारत में कंप्यूटर लाने के विरोध में ऐसा कर रहे थे। वे भारत को मध्ययुग में ले जाने के लिए संघ के स्थायी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे थे।”

 

(अकाइव पोस्ट का स्क्रीनशॉट)

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फैक्ट चेक

 

जांच-पड़ताल में हमने पाया कि,  यह तस्वीर राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के करीब एक दशक पहले की है। वाजपेयी 1973 में पेट्रोल और केरोसिन की बढ़ी कीमतों का विरोध करने के लिए बैलगाड़ी से संसद पहुंचे थे। उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। 

 

रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें इसी घटना से जुड़ी एक और तस्वीर “हिंदुस्तान टाइम्स” में मिली। इस तस्वीर के कैप्शन में बताया गया है, “पेट्रोल और केरोसिन की बढ़ी कीमतों के विरोध में बैलगाड़ी से संसद भवन पहुंचे अटल बिहारी वाजपेयी की 1973 की एक तस्वीर।”
 

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उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. राजीव गांधी इस घटना के करीब एक दशक बाद यानी 1984 में प्रधानमंत्री बने थे, जब इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी। वाजपेयी के इस “बैलगाड़ी विरोध” को उस समय भारतीय मीडिया ने बड़े पैमाने पर कवर किया था। “द न्यू यॉर्क टाइम्स” जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने भी इसे कवर किया था।

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अटल द्वारा कंप्यूटर के विरोध का सच?

 

भारत में कंप्यूटर लाए जाने का श्रेय राजीव गांधी को दिया जाता है। इस मसले पर वाजपेयी का क्या रुख था, इस बारे में हमने सर्च करने की कोशिश की। हमें उनके दो भाषण मिले, जिसमें उन्होंने इस कदम की प्रशंसा की थी। ये भाषण उन्होंने 2002 और 2003 के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए थे।

 

15 अगस्त, 2003 को अपने भाषण में वाजपेयी ने कहा, “लाखों युवा भारतीयों को कंप्यूटर के क्षेत्र में आकर्षक रोजगार मिला है। हमारे शहरों में बैठकर वे विभिन्न देशों के अस्पतालों, कारखानों और कार्यालयों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सॉफ्टवेयर निर्यात 8,000 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 50,000 करोड़ रुपये हो गया है।”

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ये निकला नतीजा

 

जाहिर ​है कि अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल की जा रही है। वायरल तस्वीर कंप्यूटराइजेशन के विरोध की नहीं है।

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